Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Nov, 2017 01:45 PM
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनीता ग्रोवर की अदालत ने पत्नी की ईंट से मारकर हत्या करने के मामले में आरोपी पति को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले में षड्यंत्र रचने के आरोपी महिला के जेठ-जेठानी को अदालत ने...
सोनीपत:अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनीता ग्रोवर की अदालत ने पत्नी की ईंट से मारकर हत्या करने के मामले में आरोपी पति को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले में षड्यंत्र रचने के आरोपी महिला के जेठ-जेठानी को अदालत ने बरी कर दिया। गांव गुहणा निवासी निर्मला का शव 26 अप्रैल, 2016 को उसके घर के आंगन में पड़ा मिला था। उसकी ईंट मारकर हत्या की गई थी। निर्मला की बेटी कविता ने अपने पिता बिजेंद्र पर ही उसकी मां की हत्या करने का आरोप लगाया था। कविता ने बताया था कि उसकी शादी पानीपत के गांव सिवाह में राकेश के साथ हुई थी। उसके पिता व मां के बीच मनमुटाव चल रहा था। जिसके चलते उसकी मां निर्मला उसके भाई मोहित के साथ प्याऊ मनियारी में रहती है। उसका पिता सी.आर.पी.एफ. से सेवानिवृत्ति के बाद चेन्नई में नौकरी करता है। वह पिछले दिनों घर आया था।
16 अप्रैल, 2016 को उसका पिता उसे ससुराल से मायके लेकर आया था। उसकी मां निर्मला भी उससे मिलने आ गई। 25 अप्रैल, 2016 की रात को उसका पिता व मां छत पर बने कमरे में जाकर सो गए थे। उसे रात को उसकी मां की चीख सुनाई दी थी। जब वह उठकर कमरे के पास गई तो उसने देखा था कि उसका पिता उसकी मां के साथ मारपीट कर रहा है। जिस पर उसके शोर मचाने के बाद उसकी मां कमरे की अंदर की कुंडी खोलकर बाहर आ गई थी और नीचे आंगन में आकर खड़ी हो गई थी। जिस पर उसका पिता भी बाहर आ गया था। और उसकी मां पर ईंट से हमला कर उसकी हत्या कर दी थी। बाद में उसका पिता बाइक लेकर भाग गया था।
उसने मामले से पुलिस को अवगत कराया था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया था। साथ ही कविता के बयान पर बिजेंद्र के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया था। मामले में बिजेंद्र के भाई जयपाल व भाभी बिमला के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगा था। पुलिस ने आरोपी बिजेंद्र को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था। मामले की सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनीता ग्रोवर की अदालत ने बिजेंद्र को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा दी है। वहीं, जयपाल व बिमला को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।