अब वायरलैस सी.सी.टी.वी. की जद में शूगर मिल परिसर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Nov, 2017 12:19 PM

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:एन.जी.टी. द्वारा दी गई राहत के बाद सोनीपत शूगर मिल में पिराई का कार्य शुरू होने के बाद एक तरफ जहां किसानों ने राहत की सांस ली है, वहीं उन्हें इस बार चोरी की घटनाओं से भी अधिक परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाते हुए सोनीपत शूगर मिल...

सोनीपत:एन.जी.टी. द्वारा दी गई राहत के बाद सोनीपत शूगर मिल में पिराई का कार्य शुरू होने के बाद एक तरफ जहां किसानों ने राहत की सांस ली है, वहीं उन्हें इस बार चोरी की घटनाओं से भी अधिक परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाते हुए सोनीपत शूगर मिल ने इस बार मिल परिसर में वायरलैस सी.सी.टी.वी.लगाए हैं जिसके माध्यम से अब पूरी शूगर मिल पर कंट्रोल रूप से आसानी से नजर रखी जा सकती है।

गौरतलब है कि शूगर मिल परिसर कई एकड़ में फैला हुआ है। किसान बड़ी संख्या में गन्ना लेकर मिल में पहुंचते है। कई बार किसान अपने नम्बर के इंतजार में ट्रैक्टर-ट्राली को छोड़कर अन्य स्थान पर चले जाते है। जिसका फायदा उठाते हुए असामाजिक तत्व किसानों के ट्रैक्टरों से सामान की चोरी कर लेते है। सामान चोरी होने पर किसान सिर्फ शिकायत ही कर पाते है, परन्तु किस व्यक्ति चोरी की इसका कोई सबूत नहीं मिल पाता है। गत वर्ष शूगर मिल प्रशासन द्वारा कुछ स्थानों पर कैमरे तो लगाए गए थे, परन्तु वे कैमरे कांटों के आसपास ही केंद्रित थे, जिसके चलते पूरा शूगर मिल परिसर कवर नहीं हो पा रहा था।

इस बार लगाए गए हैं 16 वायरलैस कैमरे 
शूगर मिल परिसर अधिक बड़ा होने की वजह से वायर वाले कैमरे हर जगह पर लगाना मुश्किल हो गया था। ऐसे में शूगर मिल ने इस बार मिल परिसर में 16 स्थानों पर वायरलैस कैमरे लगाए हैं। इस पूरे प्रोजैक्ट पर लाखों रुपए खर्च किए गए हैं, जबकि इसका कंट्रोल रूप एम.डी. कार्यालय की बिल्डिंग में बनाया गया है। वायरलैस कैमरों की वजह से शूगर मिल के सभी गेटों को कवर किया गया है। यार्ड में जिन स्थानों पर किसानों के वाहन खड़े होते हैं, वहां भी कैमरे लगाए गए हैं। सी.सी.टी.वी. लगने के बाद सुरक्षा व्यवस्था काफी दुरुस्त हो गई है। अब चोरी की घटनाओं पर नकेल कसना आसान हो गया है। कैमरों के अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की भी तैनाती की गई है। शूगर मिल परिसर में लाइटों का भी विशेष प्रबंध किया गया है।

वजन करवाते वक्त नहीं होगी गड़बड़ी 
शूगर मिल में गन्ना लेकर जाने वाले किसानों को 2 बार वजन करवाना पड़ता है। पहली बार गन्ने के साथ और दूसरी बार बिना गन्ने के। इसी के आधार पर उनके गन्ने का वेट पता चलता है। वजन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो, इसके लिए भी शूगर मिल प्रशासन ने नया सॉफ्टवेयर डिजाइन किया है। जिसके अंतर्गत अब वजन के वक्त ट्राली का फोटो भी पर्ची पर दर्ज होगा। वहीं कर्मचारी आसानी से देख पाएगा कि जिस समय वजन किया जा रहा है, उस समय ट्राली के अतिरिक्त कोई अन्य भारी वस्तु या व्यक्ति कांटे पर खड़ा न हो। शूगर मिल प्रशासन फोटो युक्त इस पूरे रिकार्ड को 6 माह तक सम्भाल कर भी रखेगा, ताकि समय आने पर जांच की जा सके। 
 

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