Edited By Punjab Kesari, Updated: 12 Jan, 2018 11:15 AM
ग्रामीणों के लिए न्याय प्रक्रिया को सरल बनाने या कहे उसे उनके पास सुलभ रूप से पहुंचाने के लिए हाईकोर्ट ने एक अहम शुरूआत की है। हाईकोर्ट ने एक ऐसी सेवा शुरू की है जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले याचियों को उनके केस की जानकारी व उसके प्रिंटआऊट्स...
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):ग्रामीणों के लिए न्याय प्रक्रिया को सरल बनाने या कहे उसे उनके पास सुलभ रूप से पहुंचाने के लिए हाईकोर्ट ने एक अहम शुरूआत की है। हाईकोर्ट ने एक ऐसी सेवा शुरू की है जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले याचियों को उनके केस की जानकारी व उसके प्रिंटआऊट्स नाममात्र मूल्य पर उपलब्ध करवाई जाएगी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट कम्प्यूटर कमेटी के चेयरमैन जस्टिस राजेश बिंदल ने कहा कि ग्रामीण याची अपने केस का स्टेटस देख पाएंगे। अंतरिम आदेश व फैसले तक देख पाएंगे जिसके लिए मात्र 5 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा।
प्रति पेज के हिसाब से वह 2 रुपए में प्रिंटआऊट ले पाएंगे बजाय इसके कि हाईकोर्ट आए और अपने एडवोकेट या क्लर्कों की मदद लें। इससे याचियों के बहुमूल्य समय और पैसे की बचत होगी। यह सुविधा कॉमन सर्विस सैंटर्स के जरिए उपलब्ध करवाई जाएगी जिसे औपचारिक रूप से चीफ जस्टिस एस.जे. वजीफदार ने लांच किया। इस कार्यक्रम में आई.टी. ऑफिसर्स समेत रूरल डिवैल्पमैंट व पंचायत डिपार्टमैंट के अफसर शामिल हुए। इसके अलावा पंजाब व हरियाणा सरकार के एडवोकेट जनरल एवं यू.टी. के सीनियर स्टैंडिंग काऊंसिल भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
यह कदम इसलिए भी महत्तवपूर्ण है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी याचियों के बीच ई-कोर्ट सर्विस को लेकर ई-अवेयरनैस पर जोर दे रही है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए जस्टिस राजेश बिंदल ने आई.टी. व रूरल डिवैल्पमैंट एंड पंचायत डिपार्टमैंट के अफसरों के साथ बीते वर्ष दिसम्बर में मीटिंग की थी। मीटिंग के दौरान सामने आया कि पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ में क्रमश: 6500, 5500, 22 कॉमन सर्विस सैंटर्स हैं। यह सैंटर्स 171 प्रकार की सेवाएं प्रदान कर रही हैं जिनमें कृषि, शिक्षा, बिजली, चुनाव, फाइनांस आदि की सेवाएं शामिल हैं।