क्यों न चौटाला पिता-पुत्र व अन्य की पैंशन रोकी जाए: हाईकोर्ट

Edited By Updated: 29 Sep, 2016 10:17 AM

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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के 4 राजनेताओं को कोर्ट द्वारा सजा सुनाने के बाद भी दी जा रही पैंशन को चुनौती देने वाली

चंडीगढ़ (विवेक): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के 4 राजनेताओं को कोर्ट द्वारा सजा सुनाने के बाद भी दी जा रही पैंशन को चुनौती देने वाली याचिका पर हरियाणा सरकार सहित ओम प्रकाश चौटाला, अजय चौटाला, शेर सिंह बड़शामी व सतबीर सिंह कादियान को नोटिस जारी किया है। साथ ही हाईकोर्ट ने चारों पूर्व एम.एल.ए. से जवाब मांगते हुए पूछा है कि क्यों न उनकी पैंशन पर रोक लगा दी जाए। मामले में याचिका दाखिल करते हुए कहा गया था कि याची ने आर.टी.आई. के माध्यम से विधानसभा सचिवालय से पूर्व विधायकों को जारी होने वाले पैंशन के बारे में सूचना मांगी थी। 

 

प्राप्त सूचना से पता चला कि 288 पूर्व विधायकों को पैंशन दी जा रही है। आंकड़ों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पी. चौटाला को 2 लाख 15 हजार 430 रुपए, उनके पुत्र व पूर्व एम.एल.ए. अजय चौटाला को 50 हजार 100 रुपए, पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी को 50 हजार 100 रुपए तथा पूर्व स्पीकर सतबीर सिंह कादियान को 1 लाख 25 हजार 250 रुपए प्रतिमाह पैंशन मिल रही है। 

 

याची ने कहा कि चौटाला पिता-पुत्र व बड़शामी को 16 जनवरी, 2013 को ट्रायल कोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में 10 साल की सजा सुनवाई थी। वहीं कादियान को 26 अगस्त, 2016 को 7 साल की सजा हो चुकी है। ऐसे में इन सभी को पैंशन जारी करना गैर-कानूनी है और जनता के पैसे का दुरुपयोग हैं। याची ने कहा कि हरियाणा विधानसभा (वेतन, भत्ता और सदस्यों की पैंशन) अधिनियम, 1975 की धारा 7-ए (1-ए) के तहत अगर किसी विधायक को कोर्ट दोषी करार कर सजा सुना दे तो वे पैंशन के अयोग्य हो जाता हैं। याची ने कहा कि पूर्व में दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिव को आदेश दिए थे कि याची द्वारा सौंपी गई रिप्रैजैंटेशन पर फैसला लिया जाए। 

 

विधानसभा सचिव ने याची की अपील को अस्वीकार करते हुए कहा था कि जिन पूर्व विधायकों को दोषी करार दिए जाने के बावजूद पैंशन दी जा रही है उन्हें रिप्रैजैंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट के तहत दोषी नहीं दिया गया है, बल्कि भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया गया है। ऐसे में उनकी पैंशन को नहीं रोका जा सकता है। 

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