Edited By Updated: 20 May, 2016 01:46 PM
प्रदेश सरकार भले ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत दावों से बिल्कुल परे है।
रेवाड़ी (पवन कुमार वर्मा): प्रदेश सरकार भले ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत दावों से बिल्कुल परे है। इसका जीता जागता उदाहरण रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में देखने को मिला है।
जी हां, अगर आप गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं या फिर किसी हादसे में दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं और अपना इलाज रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में करवाना चाहते हैं तो हम आपको बता देते हैं कि यहां पर आपके इलाज के लिए पहले से वेटिंग लिस्ट तैयार है।
जरा सोचिये कि अगर कोई दुर्घटनाग्रस्त हो जाए, उसकी हड्डी-पसलियां टूट जाए और ट्रामा सैंटर जाकर पता लगे कि एक्स-रे करने वाले कर्मचारी मौजूद ही नहीं हैं। इसके लिए उसे अगले दिन अस्पताल खुलने का इंतजार करना पड़ेगा।
तस्वीरों में आप जिस शख्स को बिलखते हुए देख रहे हैं तो सरकार के दावे हवा-हवाई ही नजर आएंगे। इस शख्स का 10 वर्षीय बेटा किडनी की बीमारी से ग्रस्त है और उसे सुबह गंभीर अवस्था में सरकारी एंबुलैंस बुलाकर नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां चिकित्सकों ने तुरंत उसका अल्ट्रासाउंड करने की सलाह दी, जब वह डॉक्टर की पर्ची लेकर अल्ट्रासाउंड करवाने पहुंचा तो पता चला कि अल्ट्रासाउंड रूम के कर्मचारी 9 बजे आएंगे और एक बजे बंद हो जाएंगा।
बेटे के दर्द को देखते हुए जैसे-तैसे 9 भी बजे, लेकिन जैसे ही उसने अपनी पर्ची आगे बढ़ाई तो पता लगा कि अब उसे एक सप्ताह का वेटिंग चल रहा है। शख्स ने लाख गुहार लगाई, लेकिन कर्मचारी का कलेजा नहीं पसीजा। बेबस बाप ने कुछ मीडियाकर्मियों को फोन लगाया तो उसके बाद ही उसका अल्ट्रासाउंड हो पाया।