पंचतत्व में विलीन हुए शहीद सचिन ,राजकीय सम्मान के साथ हुअा संस्कार (VIDEO)

Edited By Punjab Kesari, Updated: 18 Jan, 2018 10:43 PM

भारत माता की रक्षा के लिए तैनात अरुणाचल प्रदेश में नक्सलियों के हमले में शहीद हुए गरंप गोयला खुर्द निवासी शहीद सचिन शर्मा का राजकीय सम्मान के साथ वीरवार सुबह 8 बजे दाह संस्कार किया जाएगा। बुधवार देर शाम करीब 7 बजे शहीद सचिन शर्मा का पार्थिव शरीर...

बापौली(ब्यूरो):भारत माता की रक्षा के लिए तैनात अरुणाचल प्रदेश में नक्सलियों के हमले में शहीद हुए गरंप गोयला खुर्द निवासी शहीद सचिन शर्मा का राजकीय सम्मान के साथ वीरवार सुबह 8 बजे दाह संस्कार किया जाएगा। बुधवार देर शाम करीब 7 बजे शहीद सचिन शर्मा का पार्थिव शरीर हवाई जहाज से दिल्ली पहुंच गया। शहीद के पार्थिव शरीर को आर्मी हेडक्वार्टर अस्पताल में रखा गया है। वीरवार सुबह शहीद के पार्थिव शरीर को गांव में लाया जाएगा और सुबह 8 बजे गांव के सरकारी स्कूल के पास राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

गौरतलब है कि करीब एक वर्ष पहले पानीपत के गोयला खुर्द गांव निवासी करीब 20 वर्षीय सचिन शर्मा पुत्र सुरेंद्र शर्मा हरियाणा के रोहतक में हुई सेना की खुली भर्ती के दौरान 13 नवम्बर 2016 को 16वीं राजपूताना राइफल रैजीमैंट में भर्ती होकर फतेहगढ़ उत्तरप्रदेश में ट्रेनिंग पर गया था। 9 महीने की ट्रेनिंग के उपरांत 28 दिन की छुट्टी के उपरांत 16 नवम्बर 2017 को अरुणाचल में हुई पोस्टिंग के चलते ड्यूटी पर गया था। बताया जा रहा है कि नक्सलवादियों द्वारा किए हमले में भारत माता की रक्षा करते हुए सचिन शर्मा मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि शहीद सचिन शर्मा 4 भाई-बहनों में दूसरे नम्बर का था।

शहीद सचिन की सबसे बड़ी बहन रितु(24) की शादी हो चुकी है। शहीद सचिन से छोटी बहन अंजू (18) की है और चौथे नम्बर पर शहीद का भाई साहिल शर्मा (16) का है जोकि 10वीं कक्षा में पढ़ता है। पिता सुरेंद्र शर्मा आट्टा फ्लोर मिल दिल्ली में नौकरी करता है। 5 फरवरी को आना था छुट्टी पहले क्यों आ गया  शहीद सचिन शर्मा की मां सुमित्रा व दादी विधावती (70) का रो-रो कर बुरा हाल है। जब से उन्हे सचिन की शहीद होने की मंगलवार को सूचना मिली थी तब से खाना नहीं खाया है और बार-बार सचिन को पुकार रही है कि बेटे कहां चला गया है 5 फरवरी को आना था छुट्टी पहले क्यों आ गया तू।

परिजनों के आग्रह पर सुबह गांव में होगा शहीद का दाह संस्कार
शहीद के पार्थिव शरीर को दिल्ली हवाई अड्डे पर लेने पहुंचे परिजन व ग्रामीणों ने सेना के जवानों से आग्रह किया कि अब देर हो चुकी है और हिंदू धर्म में सूरज छिपने के बाद अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है इसलिए शहीद के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार सुबह किया जाए। इस पर सेना के जवानों ने कहा कि रात को आर्मी हेडक्वार्टर अस्पताल में पार्थिव शरीर को रखवा देते है और सुबह 5 बजे दिल्ली से रवाना हो जाएंगे ताकि सुबह करीब 8 बजे शहीद के पार्थिव शरीर का राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव गोयला खुर्द में अंतिम संस्कार किया जा सकें।

दिल्ली में जवानों ने शहीद को दी सलामी
शहीद सचिन शर्मा का पाॢथव शरीर लेने के लिए दिल्ली गए ग्रामीणों ने फोन पर बताया कि हवाई अड्डे पर शहीद के पार्थिव शरीर के आने के बाद सेना के जवान पूरे सम्मान के साथ शहीद सचिन शर्मा के पार्थिव शरीर को दिल्ली कैंट लेकर आए और शहीद स्मारक पर शहीद के शव को रखकर सेना अधिकारीयों व जवानों ने सलामी दी। इसके उपरांत गांव में लेकर आने की तैयारी की गई। अंतिम संस्कार किया जा सकें लेकिन आग्रह पर रात कों वही रोक लिया।  

पूर्व मुख्यमंत्री सहित कई राजनेता पहुंचेंगे श्रद्धांजलि देने
प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित करनाल के पूर्व सांसद डा. अरविंद शर्मा, गन्नौर विधानसभा भाजपा विस्तारक मेनपाल शर्मा, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर, विधायक रविन्द्र मच्छरौली, भाजपा नेता शशिकांत कौशिक, पूर्व विधायक भरतसिंह छौक्कर, कांग्रेस प्रदेश महासचिव संजय छौक्कर सहित क्षेत्र के अनेक स्थानीय नेता शहीद की अंतिम यात्रा में पहुंचकर श्रद्धांजलि देंगे। 

डेब्रुगढ़ से 1.50 पर हवाई जहाज से लेकर चले शहीद का पार्थिव शरीर तो 6.45 पर पहुंचे दिल्ली। शहीद सचिन शर्मा के पार्थिव शरीर को दिल्ली लेकर पहुंचे सेना के जवानों ने बताया कि वो बुधवार को दोपहर बाद 1.50 पर शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर चले थे। लेकिन मौसम की खराबी के कारण वों उनके जहाज ने 6.45 पर दिल्ली हवाई अड्डे पर लैंडिंग की। उन्होंने बताया कि डेब्रुगढ़ से चलने के बाद हवाई जहाज एक बार रास्ते में कुछ समय के लिए गुहावटी रुका था और गुहावटी से चलने के बाद सीधा दिल्ली रुका है।

2 दिन से गांव में नहीं चढ़ा किसी के घर तवा 
शहीद सचिन शर्मा की मंगलवार को शहादत की सूचना मिलते ही पूरे गांव के ग्रामीणों का शहीद के घर जमावड़ा लगना शुरू हो गया। 2 दिन से पूरा गांव शहीद के घर के बाहर बैठा है और परिजनों को सांत्वना दे रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सचिन पूरे गांव का बेटा है। जिसने गांव का नाम रोशन किया हैसचिन के शहीद होने का गम जहां पूरे गांव को है वही बच्चे भी पीछे नहीं दिखाई दिए। क्योकि बुधवार को कोई भी बच्चा सरकारी स्कूल में पढऩे के लिए नहीं गया और अध्यापकों ने भी गांव के ऊपर टूटे पहाड़ को अपना दुख समझते हुए करीब एक घंटे बाद ही छुट्टी कर दी। शहीद के घर के बाहर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि जब तक शहीद का पार्थिव शरीर गांव में आने के बाद अंतिम संस्कार नहीं होगा तब तक वो घर नहीं जाएंगे और न ही अन्न ग्रहण करेंगे

गांव से 26 बच्चे गए थे भर्ती होने... मात्र सचिन ही हुआ था भर्ती
ग्रामीणों ने बताया कि रोहतक में 2016 में हुई सेना की खुली भर्ती में गांव से 26 बच्चे भर्ती होने के लिए गए थे लेकिन मात्र सचिन शर्मा ही सेना में भर्ती हो पाया था। क्योंकि उसे सेना में भर्ती होने का जुनून था। इसके लिए वो दिन-रात यमुना बांध पर दौड़ का अभ्यास करता था। वही बी.आर.एम. स्कूल के चेयरमैन रामपाल शर्मा ने बताया कि सचिन स्कूल समय में ही जब कार्यक्रमों में भाग लेता था तो उस दौरान सेना के जवान का ही रोल करता था।

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