चिल्लाती रही महिलाएं व लड़कियां...टस से मस नहीं हुआ ड्राइवर व कंडक्टर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 28 Nov, 2017 03:04 PM

screaming women and girls     driver and conductor not satisfied

समालखा से पानीपत पढऩे के लिए जाने वाले विद्यार्थियों को बस पकडऩे के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए जाना पड़ रहा है। इसका नजारा गतदिवस को समालखा के नए बस अड्डे पर उस समय देखने को मिला जब एक बस चालक व कंडक्टर की दादागिरी इस तरह...

समालखा(वीरेंद्र):समालखा से पानीपत पढऩे के लिए जाने वाले विद्यार्थियों को बस पकडऩे के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए जाना पड़ रहा है। इसका नजारा गतदिवस को समालखा के नए बस अड्डे पर उस समय देखने को मिला जब एक बस चालक व कंडक्टर की दादागिरी इस तरह से दिखाई दी कि पहले तो उसने बस नहीं रोकी, बाद में रोकी तो उसने खिड़की नहीं खोली। इसको लेकर महिलाएं खिड़की खुलवाने के लिए चिल्लाती रहीं और बोली कि हमने हरियाणा रोडवेज विभाग को एडवांस में पैसे देकर पास बनवा रखा है। आप खिड़की क्यों नहीं खोलते। महिलाएं और लड़कियां चिल्लाती रहीं लेकिन ड्राइवर और कंडक्टर टस से मस नहीं हुए। इस दौरान वहां पर करीब 70 साल की बुढिय़ा ने रोडवेज विभाग के ड्राइवर और कंं डक्टर को कोसते हुए कहा कि जो विद्यार्थियों को विशेष तौर से महिलाओं को इस तरह से परेशान कर रहे हैं भगवान क्या उनका भला करेगा। 

ड्राइवर व कंडक्टर चलाते हैं मनमर्जी
बताने योग्य है कि समालखा के पुराने बस स्टैंड पर बसें न रोकने के आदेश रोडवेज विभाग की ओर से हैं कि वह पुराने बस अड्डे पर न रोककर नए बस अड्डे पर ही बसों को रोकें लेकिन कुछ ड्राइवर और कंडक्टर मनमानी कर बसों को पुराने बस अड्डे पर ही रोक देते हैं। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोग नए बस अड्डे पर चले जाते हैं। इस स्थिति में हरियाणा राज्य परिवहन के जो बस ड्राइवर और कंडक्टर पुराने बस अड्डे पर बसें रोक देते हैं तो वे नए बस अड्डे पर बसें नहीं रोकते। इससे नए बस अड्डे पर आकर उन यात्रियों को बस पकडऩा मुश्किल का सामना करने के समान होता है। 

विभाग के अन्य कर्मचारियों के अडऩे से खुला दरवाजा
यह नजारा देखने को मिला कि हरियाणा रोडवेज की एक बस यहां पर रुकी लेकिन उस बस के ड्राइवर और कंडक्टर की मनसा यह थी कि बस का दरवाजा नहीं खोला जाए। हालांकि नीचे खड़ी महिला सवारी और कालेज में पढऩे वाली लड़कियां बार-बार ड्राइवर और कंडक्टर के आगे गुहार लगाती रहीं कि खिड़की खोल दो लेकिन बस ड्राइवर और कंडक्टर ने सवारियों को भी यह आदेश कर दिया कि कोई भी सवारी दरवाजे को नहीं खोलेगी। इस स्थिति में जब वहां पर ड्यूटी इंचार्ज सूरत सिंह, पवन, रमेश, विकास रोडवेज विभाग के चारों कर्मचारी सड़क पर आ गए और बस के आगे अड़ गए और उनको बस का दरवाजा खोलने पर मजबूर कर दिया तब जाकर कहीं ड्राइवर और कंडक्टर ने दरवाजे को खोला और सवारियां चढ़ीं।

विभाग को की शिकायतों पर भी नहीं हुई कार्रवाई
कई बार ऐसे बस कंडक्टर और ड्राइवरों के खिलाफ विभाग को कई बार शिकायत की जा चुकी है कि जो हरियाणा रोडवेज विभाग के आदेशों को दरकिनार करके अपनी मनमानी कर रहे हैं लेकिन आज तक किसी भी ड्राइवर या कंडक्टर पर विभाग की ओर से सख्त कार्रवाई नहीं हुई जिससे कि वे भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न करें। 


 

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