Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Dec, 2017 11:51 AM
कभी धूप तो कभी छांव, मौसम की फिजाओं में धूप छांव का खेल जारी है। वीरवार को दिन की शुरूआत में सूर्य ने भले ही अपने ही लहलहलाती छवि दिखाई हो, लेकिन वीरवार को वो अपना जलवा दिखाने में सफल नहीं हो पाए। वीरवार को शहर कोहरे की चादर से ढका रहा तो आसमान में...
पानीपत(ब्यूरो): कभी धूप तो कभी छांव, मौसम की फिजाओं में धूप छांव का खेल जारी है। वीरवार को दिन की शुरूआत में सूर्य ने भले ही अपने ही लहलहलाती छवि दिखाई हो, लेकिन वीरवार को वो अपना जलवा दिखाने में सफल नहीं हो पाए। वीरवार को शहर कोहरे की चादर से ढका रहा तो आसमान में 30 प्रतिशत बादल से ढका रहा। वीरवार को जिले को अधिकतम तापमान 12 डिग्री सैल्सियस और न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया। हवा को वेग 1 कि.मी. प्रति घंटा रहा और वातावरण में 25 फीसदी नमी दर्ज की गई। मौसम के रोजाना बदलते इस मिजाज को जिलेवासी समा नहीं पा रहे है। एक दिन धूप निकलते है तो अगले ही दिन शहर पर कोहरे की चादर बिछ जाती है। एक पल के सूर्य देव दिखाई देते हैं तो अगले ही पल बादलों से ढका आसमान और ठंडक बढ़ा देता है।
चलने लगी है तेज पश्चिमी हवाएं
जिले में वीरवार को तेज पश्चिमी हवाएं भी चली। परिणामस्वरूप तेज धूप का प्रभाव भी कम हो गया। पश्चिमी हवाएं चलने से पहाड़ी क्षेत्रों से शीत लहर चलने का अंदेशा भी बढ़ गए हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में जल्द ही शीत लहर भी जिला वासियों के लिए ठंड का अहसास करवा सकती है। वहीं पर ठंड बढऩे से कृषि क्षेत्र को इसका फायदा पहुंचेगा क्योंकि रबी के सीजन की फसलों गेंहू, चना, के लिए ठंड होना बहुत आवश्यक है। गेहूं के ग्रोथ के लिए ठंड बहुत फायदेमंद साबित होती है।
ठंड पहुंचा सकती है नुक्सान
जिले में सुबह-शाम ठंड पडऩी शुरू हो गई, विशेषज्ञों के अनुसार ठंड काफी नुक्सानदायक साबित हो सकती है। आमतौर पर शुरूआती ठंड के दिनों में लोग बचाव के उपाय नहीं अपनाते, जिसके चलते उन्हें ठंड लग जाती है और खांसी जुकाम जैसी बीमारियों का ग्राफ बढ़ जाता है। ठंड लगने की वजह से बुखार, शरीर में जकडऩ, थकान आदि बीमारियां भी व्यक्ति को परेशान करती है। सुबह जल्दी नौकरी पर जाने वाले लोगों के लिए सावधानी बरतना और भी अधिक जरूरी हो जाता है।
क्या कहते हैं मौसम विशेषज्ञ
मौसम विशेषज्ञ श्याम लाल चौहान का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में अब तापमान तेजी से गिर रहा है। बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों में होने लगा है। परिणामस्वरूप सुबह शाम ओस गिरने लगी है जिससे न्यूनतम तापमान में गिरावट आ रही है।