अब 18 को होगी राम रहीम पर हत्या केस की सुनवाई, खट्टा सिंह की गवाही 22 को

Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Sep, 2017 05:03 PM

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डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति व रणजीत हत्याकांड में पंचकूला की विशेष

पंचकूला(उमंग श्योराण): गुरमीत राम रहीम पर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति व रणजीत हत्याकांड की हत्या मामले में आज सुनवाई पूरी हुई। कोर्ट में राम रहीम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। मामले में सीबीआई वकील एचपीएस वर्मा और बचाव पक्ष के वकील एसके गर्ग के बीच बहस चली। रणजीत सिंह हत्या मामले की अगली सुनवाई अब सोमवार 18 सितम्बर को दोपहर बाद होगी। वहीं पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले की अगली सुनवाई अब 22 सितम्बर को होगी। 22 सितम्बर को ही बचाव पक्ष खट्टा सिंह का दोबारा बयान दर्ज करवाने की एप्लिकेशन पर अपना जवाब दाखिल करेगी। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या आरोप में निर्मल सिंह, कृष्ण लाल और कुलदीप अौर डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या आरोप में कृष्ण लाल, अवतार सिंह, जसबीर, सबदिल और इन्द्रसेन को कोर्ट में पेश किया गया। 

रणजीत व छत्रपति मर्डर केस 
10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत का मर्डर हुआ था। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की। 24 अक्टूबर 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक 'पूरा सच' के संपादक रामचंद्र छत्रपति को पांच गोलियां मारी गई थी, जिसके बाद 21 नवंबर 2002 को रामचंद्र छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मृत्यु हो गई। बताया जाता है कि अपने अखबार में साध्वी यौन शोषण मामले को उठाने पर ही रामचंद्र छत्रपति की हत्या की गई। जनवरी 2003 में पत्रकार छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआइ जांच की मांग की। इसके बाद हाई कोर्ट ने पत्रकार छत्रपति व रणजीत हत्याकांड की सुनवाई एक साथ करते हुए 10 नवंबर 2003 को सीबीआइ को एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश दिए। दिसंबर 2003 में सीबीआई ने छत्रपति व रणजीत हत्याकांड में जांच शुरू की। डेरे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच पर रोक की मांग की। नवंबर 2004 में दूसरे पक्ष की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने डेरे की याचिका खारिज कर दी।

15 साल की लंबी लड़ाई के बाद छत्रपति के बेटे को इंसाफ का इंतजार
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल के मुताबिक करीब 15 साल की लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार फाइनल राउंड के शुरू होने से एक बड़ी राहत मिली है। पत्रकार के बेटे को उम्मीद है कि जल्द ही कुछ दिनों में सुनवाई पूरी होगी और उनके पिता रामचंद्र छत्रपति को इंसाफ मिलेगा।

हरियाणा में अभी भी तैनात हैं 33 कम्पनियां
बीते 25 अगस्त को डेरा प्रमुख के फैसले को लेकर बुलाई गई अर्धसैनिक बलों की अभी 33 कंपनियां मौजूद हैं। शनिवार की पेशी के बाद ही सरकार की ओर से सुरक्षा व्यवस्था को रिव्यू किया जाएगा, जिसके बाद कितनी कंपनियां रखी जाएंगी इसका फैसला किया जाएगा।

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