अंतिम दर्शन के लिए फ्रीजर में रखा गया गुरबख्श का शव, सिख नेता लेंगे संस्कार पर फैसला(video)

Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Mar, 2018 03:53 PM

प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद सजा भुगत चुके बंदी सिखों की रिहाई के लिए भाई गुरबख्श सिंह खालसा की मौत के बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 302 का मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं आज गुरबख्श सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

कुरुक्षेत्र(रणदीप रोड): प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद सजा भुगत चुके बंदी सिखों की रिहाई के लिए भाई गुरबख्श सिंह खालसा की मौत मामले में सहमति बनने के बाद भी उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जा रहा है। सिख संगत ने गुरबख्श सिंह की मृतक देह को फ्रीजर में संगत के दर्शनों के लिए रख दी है। उनके अंतिम संस्कार को लेकर सिख नेता ही फैसला लेंगे। हालांकि पुलिस द्वारा अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 302 का मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। इसके बाद भी सिख नेता इस बात पर अड़ गए हैं कि घटना के दौरान वहां जो पुलिस वाले मौजूद थे उनको सस्पेंड कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। जिसके बाद ही वे गुरब्ख्श सिंह का अंतिम संस्कार करेंगे। परिजनों का आरोप है कि घटना के दौरान वहां मौजूद पुलिस वालों ने उस पर नीचे उतरने का दबाव बनाया था जिसके बाद गुरबख्श सिंह नीचे कूद गए। 

परिवार का कहना है कि सिख नेता जो भी फैसला लेंगे उन्हें मंजूर होगा। वहीं सिख संगत ने गुरबख्श सिंह खालसा का अंतिम संस्कार अभी न करने का फैसला लिया है। उनका शव फ्रीजर में संगत के दर्शनों के लिए रखा गया है। भाई खालसा की अंतिम अरदास 29 मार्च को होगी। सिख संगत का कहना है कि अगर दोषी पुलिस अधिकारी निरस्त न हुए तो 29 मार्च के बाद भाई खालसा की मृतक देह समेत देशभर में यात्रा शुरू की जाएगी।


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150 फीट ऊंची टंकी से कूदे थे गुरबख्स सिंह खालसा
उल्लेखनीय है कि सजा पूरी कर चुके जेलों में बंद सिखों की रिहाई के लिए गुरबख्स सिंह खालसा अकसर आंदोलन करते रहते थे। मंगलवार को भी वे कुरुक्षेत्र के गांव ठसका अली में पानी की टंकी पर चढ़कर विरोध कर रहे थे। जिसके बाद वे 150 फीट ऊंची टंकी से कूद गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। जिस कारण उसका जबड़ा बुरी तरह से बाहर निकल गया था। 

गुस्साए सिख नेताअों ने लगाया था जाम 
गुरबख्श सिंह खालसा की मौत से गुस्साए सिख नेताअों ने रोष के चलते कुरुक्षेत्र कैथल मार्ग जाम लगा दिया। सिख नेताओं ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि गुरबख्श को छलांग मारने पर मजबूर किया गया। गुरबख्श सिंह के पोस्टमार्टम के बाद उनका शव लेकर पुलिस का काफिला उनके पैतृक गांव ठसका अली पहुंचा, जहां गुस्साएं परिजनों ने ठोल गांव के पास जाम लगा दिया था। जिसके चलते मृतक के शव को गांव से दो किलोमीटर पहले ही रोक लिया था। ग्रामीणों की मांग है कि दोषी पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई हो। जिसके बाद प्रशासन द्वारा दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी के बाद सहमति बनी अौर जाम खुलवाया गया था। 

कैमरों की निगरानी में हुअा पोस्टमार्टम
गुरबख्श सिंह का पोस्टमार्टम लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में चार डाक्टरों के पेनल ने किया। इस पोस्टमार्टम की विडियोग्राफी भी करवाई गई। सुरक्षा व्यव्स्था को बनाए रखने के लिए अस्पताल में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। 

गुरबख्श सिंह ने फिर छेड़ा था बंदी सिखों की रिहाई के लिए आंदोलन
बंदी सिखों की रिहाई के लिए भाई खालसा ने 13 नवम्बर 2013 को गुरुद्वारा अंब साहिब मोहाली से भूख हड़ताल शुरू की थी। 44 दिन बाद श्री अकाल तख्त साहिब के जथेदार सिंह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह के द्वारा बंदी सिखों की जल्दी रिहाई का भरोसा देने के बाद भूख हड़ताल खत्म की थी। करीब एक साल इंतजार करने के बाद भी जब सजा भुगत चुके किसी भी बंदी सिख को रिहा नहीं किया गया, तो दोबारा उन्होंने 13 नवम्बर 2014 को गुरुद्वारा साहिब पातशाही 10वीं श्री लखनौर साहिब अम्बाला में भूख हड़ताल शुरू की। करीब 65 दिन तक लगातार भूख हड़ताल करने के दौरान उन पर हर तरफ से सरकार और प्रशासन द्वारा दबाव बनाया गया और बार-बार यह भरोसा दिया गया कि बंदी सिख रिहा किए जा रहे हैं। इस भरोसे के बाद एक बार फिर उन्होंने भूख हड़ताल स्थगित कर दी थी। करीब 3 साल बीत जाने के बाद भी जब बंदी सिखों की गिराही के लिए कोई ठोस प्रबंध नहीं हुआ, तो गुरबख्श सिंह फिर से भूख हड़ताल पर बैठे अौर उन्होंने टंकी पर चढ़कर वहां से छलांग लगा दी। जिसके कारण उन्हें गंभीर चोटें आई और अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। 

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