Edited By Punjab Kesari, Updated: 01 Sep, 2017 07:24 PM
डेरा प्रकरण की उलझनों से बाहर निकलने की कोशिशों में जुटी खट्टर सरकार के लिए अब जाट आरक्षण पर आने वाला फैसला किसी सिरदर्द से कम नहीं है।
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरनी): हरियाणा में जाट आरक्षण पर रोक अभी जारी रहेगी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए इस पर लगी अंतरिम रोक को बरकरार रखा है। अदालत ने कहा कि 31 मार्च 2018 में हाईकोर्ट को रिपोर्ट दी जाएगी। इसमें जाट समेत छह जातियों को आरक्षण देने के मामले में फैसला आएगा।अब जाटों सहित छह जातियों को आरक्षण देने या नहीं देने का फैसला पिछड़ा वर्ग आयोग करेगा।
इस मामले में जस्टिस एसएस सरों और जस्टिस लीजा गिल की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। प्रदेश सरकार ने जाटों समेत छह जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में लाते हुए दस फीसदी आरक्षण दिया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाई कोर्ट ने इस आरक्षण पर अंतरिम रोक लगा रखी है। अदालत ने कहा कि हरियाणा सरकार को 30 नवंबर तक पिछड़ा वर्ग आयोग को क्वांटिफेबल डाटा उपलब्ध करवाना होगा। 31 दिसंबर तक इस डाटा को लेकर आपत्तियां दर्ज की जा सकती है तथा 31 मार्च से पहले पिछड़ा वर्ग आयोग को जाट आरक्षण पर निर्णय लेना होगा। हाईकोर्ट ने इस आदेश के साथ ही जाटों को आरक्षण देने या न देने का फैसला पिछड़ा वर्ग आयोग पर छोड़ दिया है।
हरियाणा सरकार ने जाटों के साथ-साथ जट सिख, रोड़, बिश्नोई, त्यागी और मुल्ला जाट/मुस्लिम जाट को आरक्षण देने के लिए पिछडी जातियों का शेड्यूल 3 जारी किया था। इसके तहत इन जातियों को ब्लॉक सी, बीसी-सी कैटिगरी में आरक्षण का लाभ दिया गया है। आरक्षण प्रावधान के तहत जाटों सहित इन छह जातियों को तीसरी और चौथी कैटिगरी की नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण का फायदा दिया गया। इसी तरह से पहली और दूसरी कैटिगरी की नौकरियों में इन जातियों को 6 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था।