Edited By Updated: 29 Apr, 2017 12:28 PM
हौसले की उड़ान उम्र की सीमाओं को नहीं मानती है। तभी बच्चा भी कम उम्र में कुछ अलग कर जाता है।
जींद (सुनील मराठा):हौसले की उड़ान उम्र की सीमाओं को नहीं मानती है। तभी बच्चा भी कम उम्र में कुछ अलग कर जाता है। जींद के अर्बन एस्टेट निवासी विकास श्योकंद के 4 वर्षीय बेटे विराट श्योकंद ने सबसे कम उम्र में पर्वतारोही होने का वर्ल्ड रिकार्ड बनाया है। इससे पहले यह रिकार्ड मध्यप्रदेश के हर्षित सौमित्र के नाम पर दर्ज था।
5 हजार 550 मीटर की ऊंचाई पर विराट ने लहराया तिरंगा
विराट के पिता विकास ने बताया कि उसने पिछले दिनों पढ़ा था कि विश्व का सबसे छोटी उम्र में पर्वतारोही बनने का रिकार्ड मध्यप्रदेश के हर्षित सौमित्र के नाम पर है। इस पर उसकी भी इच्छा हुई कि उसका 4 वर्षीय बेटा भी इस रिकार्ड को तोड़ सकता है। इसलिए उसने अपने बेटे को दार्जलिंग में एक माह की ट्रेनिंग दिलाई। इसके बाद बीस मार्च को नेपाल के बेस कैंप से एवरेस्ट की चढ़ाई शुरू की और लगभग एक माह तक चढ़ाई करने के बाद 17 अप्रैल को विराट श्योकंद ने काला पत्थर पर 5 हजार 550 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचकर तिरंगा लहराया।
माउंट एवरेस्ट को फतेह करना सपना मेरा था, बेटे ने किया पूरा
विकास ने बताया कि माउन्ट एवरेस्ट को फतेह करना मेरा सपना था। मैं खुद करना चाहता था मगर नहीं कर पाया था, जो मेरा सपना मेरे बेटे ने पूरा कर दिखाया। मुझे इस कामयाबी पर बहुत खुशी है। 'विराट' ने एक वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया है। छोटी सी उम्र में उसने वो कमाल कर दिखाया है। हमे इस उपलब्धि पर गर्व है। रस्ते में पहाड़ की चढ़ाई पर दिकते तो बहुत आई पर एक जूनून था बेटे की कामयाबी का, जो कठिनाई सहन करके भी हमने हासिल किया है।
परिवार में खुशी की लहर
विराट श्योकंद के बनाए गए रिकार्ड से परिवार में खुशी का माहौल है। विराट श्योकंद एक निजी स्कूल में एलकेजी में पढ़ता है और बड़े होकर माउंटेनियर बनना चाहता है।