Edited By Updated: 31 Mar, 2017 05:53 PM
हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के गांव दौंगली में रहने वाले एक किसान के नन्हे बच्चे को स्कूल बैग के बोझ ने उसे वैज्ञानिक बना दिया।
महेंद्रगढ़ (मोहिंदर भारती):हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के गांव दौंगली में रहने वाले एक किसान के नन्हे बच्चे को स्कूल बैग के बोझ ने उसे वैज्ञानिक बना दिया। जी हां, इस बच्चे ने स्कूल जाने के लिए एक सोलर पावर से चलने वाली बाइक बनाई है। इस बच्चे का नाम अवनीत कुमार है और इसकी उम्र सिर्फ 13 साल है।
सवाल पूछने पर अवनीत का चौंकाने वाला जवाब
का मीडिया द्वारा जब अवनीत से पूछा गया कि सोलर बाइक बनाने का विचार आपको कब और कैसे आया तो उसका जवाब चौंकाने वाला था। उसने कहा कि मुझे घर से स्कूल के लिए 3 किलोमीटर जाना-आना पड़ता था। तो मैंने सोचा कि क्यों न अपने लिए एक कम खर्च वाली बिना ईंधन की बाइक बना लूं और बस हो गई बाइक तैयार। अवनीत अब तक राष्ट्रीय स्तर तक की साइंस प्रतियोगिता में भाग ले चुका है और अब आने वाली 28 मार्च को जापान में होने वाली एशिया की साइंस प्रतियोगिता हेतु वेटिंग में है।
जानिए, इस बाइक की खास बातें
-अवनीत की इस 3 पहिये की बाइक में सिर्फ इतना ही नहीं है। बाइक की रफ्तार 20 किलोमीटर/घंटे है।
-बाइक में चलते हुए नींद आने पर बजने वाला अलार्म सिस्टम लगा है।
-मोबाइल चार्ज करने हेतु चार्जिंग सिस्टम लगा है।
-बाइक को बिना हाथों का व्यक्ति भी अपने पैरों से आसानी से चला सकता है।
-अवनीत कुमार ने बताया कि इस कार्य में उसके पिता जी ने उसकी बड़ी मदद की है और हर आवश्यकता की सामग्री लाकर उन्होंने मेरी पूरी मदद की है।