सिविल अस्पताल में क्यों डेरा डाले हैं निजी एंबुलेंस वाले?

Edited By Punjab Kesari, Updated: 18 Dec, 2017 12:07 PM

why are private ambulances camped in civil hospital

बीते शुक्रवार से कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने के बाद भी सिविल अस्पताल में निजी एंबुलेंस संचालकों का जमावड़ा हैं। बताया जाता है कि निजी अस्पतालों की सह पर ये एंबुलेंस संचालक यहां के मरीजों को बहकाकर निजी अस्पतालों में पहुंचाते है। ज्ञात हो कि...

गुडग़ांव(संजय):बीते शुक्रवार से कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने के बाद भी सिविल अस्पताल में निजी एंबुलेंस संचालकों का जमावड़ा हैं। बताया जाता है कि निजी अस्पतालों की सह पर ये एंबुलेंस संचालक यहां के मरीजों को बहकाकर निजी अस्पतालों में पहुंचाते है। ज्ञात हो कि सिविल अस्पताल में कुल 18 एम्बुलेंस हैं। जिसमें से 3 एडवांस लाइफ सपोर्ट 2 किलकारी बाकी बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस हैं। हाल में तकरीबन एक सप्ताह के लिए एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के कारण इनका संचालन पूरी तरह से बाधित हो गया था। 

जिसके बाद अस्पताल में निजी एंबुलेंस के जरिए मरीजों को पहुंचाने व लाने का कार्य किया जाने लगा। सूत्रों का कहना है कि निजी अस्पतालों की सह पर इन्हे यहां रहने की हिदायत दी गई है ताकि गंभीर या रैफर मरीजों को ये उन अस्पतालों तक पहुंचा सके। अस्पतालों द्वारा इसके एवज में एंबुलेंस चालकों को मोटा कमीशन व महंगा उपहार प्रदान किया जाता हैं। नाम न छापने के आधार पर खुद निजी एंबुलेंस चालकों का कहना है कि हाल में हड़ताल के कारण कई मरीजों को यहां से निजी अस्पतालों में पहुंचाया जा चुका हैं

कंट्रोल रूम की जानकारी में खेल 
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक यहां पर रोजाना 3000 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं। जिसमें इर्मेजेंसी में आने वाले अधिकतर मरीज सड़क दुर्घटनाओं या गंभीर बीमारियों जूझ रहे होते हैं। बताया जाता है कि निजी एंबुलेंस वालों की मनमानी अस्पताल का कंट्रोल रूम भी जानता है लेकिन आपसी मिलीभगत के कारण इनसे कोई इंक्वायरी नही की जाती हैं। कई निजी एंबुलेंस संचालक तो सीधे कंट्रोल रूम में भी फोन कर स्थितियों की टोह लगाते रहते हैं। संकेत मिलते ही वे अपनी एबुलेंस यहां पर बिना किसी नियम की परवाह किए अस्पताल परिसर के अंदर भेज देते हैं। 

डा. एम. पी सिंह नोडल अधिकारी, एंबुलेंस सेवाएं 
अगर ऐसा है तो इसकी इंक्वयरी की जाएगी। कई बार गंभीर रूप से बीमारी मरीज भी इन एंबुलेंस का सहारा ले लेते हैं। मरीजों को सांठगांठ के जरिए यदि निजी अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा है तो ये गंभीर मामला है।

 ये है एंबुलेंस बेड़ा 
13 लाइफ सपोर्ट एबुंलेंस
03  एडवांस लाइफ सपोर्ट एबुलेंस
02 किलकारी एंबुलेंस

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