अब 5 साल से पहले डाक्टर नहीं छोड़ सकेंगे नौकरी, लगाई शर्त

Edited By Punjab Kesari, Updated: 26 Nov, 2017 02:51 PM

now  doctors can not leave the job before 5 years

जहां एक ओर करनाल में सामान्य अस्पताल चलाने की प्रक्रिया काफी तेजी से चल रही है, वहीं दूसरी ओर कल्पना चावला राजकीय मैडीकल कालेज में एक बार ज्वाइन करने वाले डाक्टर अगले 5 साल तक नौकरी नहीं छोड़ सकेंगे, क्योंकि नए ज्वाइनिंग करने वाले डाक्टरों को सरकार...

करनाल(सरोए):जहां एक ओर करनाल में सामान्य अस्पताल चलाने की प्रक्रिया काफी तेजी से चल रही है, वहीं दूसरी ओर कल्पना चावला राजकीय मैडीकल कालेज में एक बार ज्वाइन करने वाले डाक्टर अगले 5 साल तक नौकरी नहीं छोड़ सकेंगे, क्योंकि नए ज्वाइनिंग करने वाले डाक्टरों को सरकार की ओर से एन.ओ.सी. नहीं दी जाएगी। सरकार की ओर से लगाई इस शर्त का जहां डाक्टर दबी जुबान में विरोध कर रहे हैं, वहीं यही शर्त मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी, क्योंकि डाक्टरों के जल्द-जल्द अस्पताल छोड़कर जाने की प्रवृत्ति पर काफी हद तक लगाम लग सकेंगी, जिससे अस्पतालों में डाक्टरों की कमी भी धीरे-धीरे पूरी होती रहेगी लेकिन सरकार की ओर से लगाई शर्त लगने के बाद कल्पना चावला राजकीय मैडीकल कालेज में कितने डाक्टर आएंगे,

इस बारे में तो फिलहाल कोई कुछ नहीं बताया जा सकता, क्योंकि मैडीकल कालेज के लिए 1-4 दिसम्बर तक रोहतक में इंटरव्यू प्रक्रिया शुरू होनी है लेकिन इस बात पर संशय बना है कि इस प्रक्रिया में कितने डाक्टर शामिल होंगे। काबिलेगौर है कि जब भी डाक्टरों पर कुछ सख्ती की कोशिश की जाती है तो वे रिजाइन लैटर देने की धमकी देते हैं, जिससे डाक्टरों पर अंकुश लगाना मुश्किल हो जाता है लेकिन सरकार की नई शर्त से डाक्टरों पर काफी हद तक जवाबदेही तय कर दी है। इसके आने वाले दिनों में काफी हद तक सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। नई शर्त के अनुसार केवल खानपुर मैडीकल कालेज, मेवात व कल्पना चावला राजकीय मैडीकल कालेज में ज्वाइनिंग करने वाले डाक्टरों पर लगाई है, वहीं एक डाक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शर्त को जानबूझकर थोपा जा रहा है, क्योंकि अगर डाक्टर तो दूसरी जगह बेहतर मौका मिलेगा तो वह नहीं जा सकेगा।

करीब 3500 की है ओ.पी.डी
जब से करनाल में मैडीकल कालेज चल रहा है, तब से धीरे-धीरे ओ.पी.डी. बढ़ती चली जा रही है। अब तो ओ.पी.डी. करीब 3500 तक पहुंच चुकी है, जो मरीजों की काफी बढ़ी संख्या है। क्योंकि मैडीकल कालेज में करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, पानीपत व यू.पी. के साथ लगते क्षेत्रों से मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं लेकिन डाक्टरों की कमी के चलते मरीजों को लम्बी-लम्बी लाइनों में लगकर इलाज करवाने के लिए बाध्य होना पड़ता है।

करीब 40 डाक्टर मिलने की संभावना
अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो नई भर्ती प्रक्रिया में मैडीकल कालेज को करीब 40 डाक्टर मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। जो नए डाक्टर मिलेंगे वे सभी विशेषज्ञ डाक्टर होंगे। इनमें सीनियर रैजीडैंट, असिस्टैंट रैजीडैंट व एसोसिएट प्रोफैसर व फोफैसर शामिल होंगे। नए डाक्टर मिलने से मैडीकल कालेज में डाक्टरों की संख्या 100 को पार कर जाएगी। कल्पना चावला राजकीय मैडीकल कालेज के डायरैक्टर डा. सुरेंद्र कश्यप ने बताया कि अगले महीने रोहतक में डाक्टरों की भर्ती शुरू होंगी। उसके बाद पता चलेगा कि मैडीकल कालेज को कितने डाक्टर मिलेंगे लेकिन इस बार सरकार ने नई शर्त लगाई है कि कोई भी डाक्टर 5 साल से पहले नौकरी छोड़कर नहीं जाएगा, अगर जाएगा तो उसे एन.ओ.सी. नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नए डाक्टर आने से मैडीकल कालेज में मरीजों को और बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी।

मैडीकल कालेज में डाक्टरों की भारी कमी
कल्पना चावला राजकीय मैडीकल कालेज में डाक्टरों की पहले से ही काफी कमी चल रही है, वहीं दूसरी ओर करीब 12 डाक्टर सामान्य अस्पताल में चले जाएंगे, जिसके बाद मैडीकल कालेज में डाक्टरों की पहले से भी ज्यादा कमी हो जाएगी। इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, वहीं अगर सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया में जोड़ी गई नई शर्त के कारण डाक्टर दूर रहे तो मरीजों की जान आफत में आ जाएगी। 
 

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