जैकब हरमीत ने बाइबल व गीता के बाद लिखी 3 इन वन रामायण

Edited By Punjab Kesari, Updated: 24 Dec, 2017 01:05 PM

jakob harmeet wrote in the aftermath of the bible and geeta

12 क्वार्टर रोड स्थित ढाणी किशनदत्त में रहने वाले जैकब हरमीत सिंह ने अपने हाथों से सबसे विशाल व 3 भाषाओं में पवित्र ग्रंथ श्रीरामचरितमानस (रामायण) लिखकर रिकार्ड बनाया है। इतना ही नहीं रामायण लिखने में जैकब ने गंगाजल मिश्रित स्याही का प्रयोग किया है...

हिसार(ब्यूरो):12 क्वार्टर रोड स्थित ढाणी किशनदत्त में रहने वाले जैकब हरमीत सिंह ने अपने हाथों से सबसे विशाल व 3 भाषाओं में पवित्र ग्रंथ श्रीरामचरितमानस (रामायण) लिखकर रिकार्ड बनाया है। इतना ही नहीं रामायण लिखने में जैकब ने गंगाजल मिश्रित स्याही का प्रयोग किया है ताकि इसकी पवित्रता बनी रहे। हस्तलिखित पेज फटे नहीं या दीमक न लगे, इसके लिए उन्होंने हर पेज को लैमिनेटिड करवाया है ताकि सैकड़ों वर्षों तक इसे सहेज कर रखा जा सका।

इससे पूर्व उन्होंने बाइबल व गीता को भी लिखा था। उनकी इच्छा है कि स्वास्थ्य ने साथ दिया तो अब वे कुरान लिखेंगे। तीनों ग्रंथों को लिखने में उनका करीब साढ़े 4 लाख रुपए खर्च हुआ है। रामायण लिखने में साढ़े 11 माह का समय लगा। सब ग्रंथों के कवर पेज विशेष रूप से स्टील के बनवाए गए हैं। रामायण का वजन 109 किलो, बाइबल का 120 किलो तथा गीता का वजन 25 किलो है। 

रामायण की विशेषता बताते हुए जैकब हरमीत सिंह ने बताया कि 28 इंच चौड़ाई व 22 इंच लम्बाई वाले चार्ट शीट पर लिखी गई रामायण में संस्कृत के दोहों व श्लोकों को संस्कृत के अलावा हिंदी व अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया गया है। उनका कहना है कि अंग्रेजी में इसलिए लिखा है कि विदेशी पर्यटक भी इसे पढ़ सकेंगे। विशालकाय रामायण में लगभग 1700 पेज हैं। जैकब ने रामायण लिखने में लाल व काले रंग के स्कैच पैन का प्रयोग किया है। उनका दावा है कि बाइबल की तरह ही गीता व रामायण भी संसार की 

पहली हस्तलिखित किताब है। गीता में कुल 224 पेज हैं। 
याद रहे जैकब हरमीत सिंह द्वारा लिखित बाइबिल की भी कई विशेषताएं हैं। इसे पढऩा जितना आसान है, उतना ही उठाना मुश्किल है। बाइबल में चार्ट शीट के कुल 1950 पेज हैं। पुस्तक 2 भागों में है। पहले भाग में 1432 पेज तथा दूसरे भाग में 518 पेज हैं। वजन अधिक होने के कारण इसे उठाने के लिए कम से कम 4 आदमी चाहिए। पुस्तक में प्रभु यीशु मसीह के जन्म से पहले से लेकर बाद का वर्णन है। 

जज्बे को सलाम 
किराए के कमरे में रहने वाले बुजुर्ग जैकब हरमीत सिंह पहले बिल्डिंग ठेकेदार का काम करते थे। करीब 5 वर्ष पहले उन पर पूर्व राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम की बातों का ऐसा असर हुआ कि ऊंचा लक्ष्य लेकर कुछ अलग से किया जाए। उसके बाद उनके मन में आइडिया आया और पारिवारिक व आर्थिक हालत से जूझते हुए वे बाइबल लिखने जुट गए। जुनून ऐसा चढ़ा कि दिन देखा न रात, बस चार्ट शीट और स्कैच पैन हाथों में लेकर बस लिखते रहे। उनकी लिखावट को देखकर लगता है कि उन्होंने हर शब्द को बड़ी खूबसूरती से सजाया है। 
 

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