Edited By Updated: 27 Sep, 2016 04:38 PM
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रशांत भारद्वाज ने कहा कि सरस्वती नदी की जलधारा फिर से धरातल
कुरुक्षेत्र (धमीजा): हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रशांत भारद्वाज ने कहा कि सरस्वती नदी की जलधारा फिर से धरातल पर बहेगी। इस धारा का निरंतर बहाव करने के लिए सरकार की तरफ से सरस्वती उद्गम स्थल आदि बद्री में 400 एकड़़ जमीन पर एक विशाल डैम का निर्माण किया जाएगा। इस जमीन पर डैम बनाने की फिजीकल रिपोर्ट भी आ चुकी है। उपाध्यक्ष प्रशांत भारद्वाज सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में देशभर से आए टूर एंड ट्रैवलर एजैंट्स के समक्ष हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की योजनाओं को प्रस्तुत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए सरस्वती नदी विशेष आकर्षण का केन्द्र बनेगी। इतना ही नहीं, सरकार की योजनानुसार सरस्वती नदी के किनारे जितने भी पर्यटन और तीर्थ स्थल हैं उनको भी विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि आदि बद्री में 400 एकड़ जमीन पर एक डैम का निर्माण किया जाएगा। इस क्षेत्र की पंचायत ने 400 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव भी पारित करने का निर्णय लिया है। इस जमीन की फिजीबल रिपोर्ट भी आ चुकी है। इस प्रोजैक्ट पर तेजी से कार्य चल रहा है। इस डैम के बनने के बाद सरस्वती नदी फिर से प्रवाहित हो पाएगी। यह सरस्वती उद्गम स्थल निश्चित ही पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केन्द्र बनेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से जगाधरी के एक गांव को विकसित करने के उद्देश्य से आस्टे्रलिया ने गोद लिया है। हरियाणा की संस्कृति के आदान-प्रदान के लिए जापान को भी निमंत्रण दिया गया है।
उपाध्यक्ष ने कहा कि हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से 28 जनवरी से 1 फरवरी 2017 को राष्ट्रीय बसंत पंचमी उत्सव के रूप में मनाया जाएगा और वर्ष 2018 में इस उत्सव को अंतर्राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इस बैठक में उपाध्यक्ष ने यह तथ्य भी सामने रखे की हरियाणा की कोख में दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिलने के साक्ष्य भी मिले है। यह अवशेष राखीगढ़ी से मिले है। इससे पूर्व भी प्राचीन सभ्यता के साक्ष्य भी मिल चुके हैं।