जिला परिषद के अध्यक्ष ने किया स्कूल का निरीक्षण, बच्चों के सामान्य ज्ञान में कमी

Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Dec, 2017 05:59 PM

district council president school inspection

जिला परिषद के अध्यक्ष गुरदयाल सुनहेड़ी ने रा.व.मा. विद्यालय बीड़ मथाना का औचक निरीक्षण किया। वह विद्यालय में स्कूल समय से पहले ही पहुंच गए। अधिकतर स्टाफ विद्यालय में उनको समय से पहुंचा मिला। उन्होंने विद्यालय के अध्यापकों का हाजिरी रजिस्टर को चैक...

पिपली(सुकरम): जिला परिषद के अध्यक्ष गुरदयाल सुनहेड़ी ने रा.व.मा. विद्यालय बीड़ मथाना का औचक निरीक्षण किया। वह विद्यालय में स्कूल समय से पहले ही पहुंच गए। अधिकतर स्टाफ विद्यालय में उनको समय से पहुंचा मिला। उन्होंने विद्यालय के अध्यापकों का हाजिरी रजिस्टर को चैक किया जिसमें कुछ अध्यापक गैरहाजिर मिले। उन्होंने विद्यालय की इंचार्ज से गैरहाजिर रहने वाले अध्यापकों की जानकारी ली जिसमें कुछ अध्यापकों के छुट्टी पर होने बारे बताया गया। उन्होंने कक्षाओं में बच्चों से सामान्य ज्ञान के सवाल पूछे जिसमें कुछ छात्र जवाब बताने में अनभिज्ञ नजर आए। एक छात्र ने देश के राष्ट्रपति का नाम प्रणव मुखर्जी बताया। 

कुछ बच्चों को प्रदेश के शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री के नाम का ही पता नहीं था। उन्होंने स्कूल स्टाफ को हिदायत दी कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य हर बच्चे को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाना है। विद्यालयों में शिक्षा के मामले में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए। बच्चों को सुशिक्षित करने के साथ उनके सामान्य ज्ञान में भी सुधार करें। जि.प. अध्यक्ष को विद्यालय की लैब में 2 दर्जन के करीब कम्प्यूटर खस्ता हालत में धूल फांकते मिले। 22 में से केवल 3 कम्प्यूटर चालू बताए गए। निरीक्षण के बाद स्कूल स्टाफ ने जि.प. अध्यक्ष के सामने विद्यालय की बदहाल अवस्था का दुखड़ा रोया। स्टाफ का आरोप था कि विद्यालय की 3 साल से इमारत तोड़ दी है। इसकी आज तक किसी ने सुध नहीं ली। स्कूल में क्लर्क नहीं है जिस कारण स्कूल स्टाफ को ही कागजी काम करने पड़ते हैं। 

यदि स्कूल में सरपंच द्वारा बैठने की व्यवस्था नहीं करवाई जाती तो बच्चे आज खुले में ठंड में बैठने को मजबूर होते। बिल्डिंग के अभाव में स्कूल में बच्चों की संख्या में कमी आई है। ऐसे सभी हालातों बारे विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखित में कई बार दिया जा चुका है लेकिन स्कूल की समस्याओं की ओर आज तक ध्यान नहीं दिया गया। अध्यक्ष ने स्कूल स्टाफ को आश्वासन दिया कि वे विभाग के उच्चाधिकारियों एवं सी.एम. से मिलकर उनकी ये समस्याएं दूर करवाने का काम करेंगे।

गांव बीड़ मथाना के सरपंच का कथन
संत सिंह का कहना है कि ग्राम पंचायत को स्कूल स्टाफ से कोई दिक्कत नहीं है। जब से विद्यालय की नई इंचार्ज बनी है, उन्होंने विद्यालय में बेहतर सुधार किया है। यदि स्कूल स्टाफ की कमी होती तो सबसे पहले उनको पता होती। विद्यालय में जि.प. अध्यक्ष द्वारा औचक निरीक्षण करना या करवाना कुछ अध्यापकों की आपसी खींचतान का मामला हो सकता है। विद्यालय में बिल्डिंग एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी है। बच्चों की संख्या में कमी आई है। इसका सुधार विभाग व सरकार को समय पर करना चाहिए।

ऊषा रानी ने कहा कि उन्होंने 1 वर्ष पहले ही इस विद्यालय में कार्यभार सम्भाला है। उन्होंने स्टाफ के सहयोग से विद्यालय में पहले से सुधार किया है। विद्यालय में बिल्डिंग न होना, तकनीकी सुविधाओं की कमी के अलावा क्लर्क की भी कमी है। विद्यालय की कमियों बारे विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखित में दिया जा चुका है। उनका प्रयास विद्यालय में बच्चों को बेहतर ढंग से गुणवतापूर्वक शिक्षा ग्रहण करवाना रहेगा।

नमिता कौशिक ने कहा कि खंड शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों में बंद पड़ी बायोमीट्रिक मशीनों का रिकार्ड मंगवाया है। उनकी रिपोर्ट बनाकर विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। उसके बाद संबंधित स्कूलों में बायोमीट्रिक मशीनें लगवा दी जाएंगी। कई स्कूलों में क्लर्क नहीं हैं। इनमें स्टाफ उपलब्ध करवाना विभाग के उच्चाधिकारियों एवं सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला है।

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