Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Dec, 2017 06:29 PM
शाहाबाद मारकंडा में 15 लाख आलू कट्टा भंडारण क्षमता के 19 कोल्ड स्टोर हैं। 25 नवम्बर को कोल्ड स्टोर बंद होने के बाद आलू सडऩे लगा है और कोल्ड स्टोर मालिक या तो खराब आलू को बाहर फैंक रहे हैं या आलू के मालिकों को सूचित कर रहे हैं कि वह अपना आलू ले जाएं...
शाहाबाद मारकंडा(ब्यूरो):शाहाबाद मारकंडा में 15 लाख आलू कट्टा भंडारण क्षमता के 19 कोल्ड स्टोर हैं। 25 नवम्बर को कोल्ड स्टोर बंद होने के बाद आलू सडऩे लगा है और कोल्ड स्टोर मालिक या तो खराब आलू को बाहर फैंक रहे हैं या आलू के मालिकों को सूचित कर रहे हैं कि वह अपना आलू ले जाएं लेकिन माना जा रहा है कि कोल्ड स्टोर्स में अब 5 से 7 प्रतिशत आलू के किराए का नुक्सान व उसे बाहर फैंकने की लेबर भी कोल्ड स्टोर मालिकों को अदा करनी पड़ेगी। एक अनुमान के अनुसार शाहाबाद के कोल्ड स्टोर्स में लगभग 3 लाख कट्टे पड़े हैं जिन्हें बाहर फैंकना शुरू कर दिया है। आलू उत्पादक सूरजभान रत्नगढ़ ने कहा कि सरकार के पास आलू की फसल को लेकर कोई सिस्टम नहीं। न किसानों को आवश्यक दिशा-निर्देश व जागरूकता पैदा करने के लिए कोई नियम है।
इसका खमियाजा किसान के साथ उद्योग मालिकों को भुगतना पड़ रहा है। तरलोचन सिंह हांडा ने मांग की कि सरकार आलू उत्पादकों व कोल्ड स्टोर मालिकों के बचाव में कोई निर्णय लें। आलू का निर्यात करें, आलू निर्धारित उद्योग यहां स्थापित करें, आलू का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करें अथवा अच्छी गुणवत्ता वाला आलू बिजाई करवाएं। कोल्ड स्टोर एसोसिएशन के राज्य महासचिव बलदेव राज सेठी ने कहा कि प्रत्येक स्टोर में 2 से 8 हजार बोरी आलू पड़ा है। कोल्ड स्टोर 25 नवम्बर को बंद हो चुके हैं। कोल्ड स्टोर खाली करके आलू को बरामदे में डाला गया है। खराब आलू को बाहर फैंका जा रहा है। जल्द ही एसोसिएशन की बैठक बुलाकर रणनीति बनाई जाएगी जिसमें थोड़ा किराया किसानों से एडवांस लेने पर सहमति हो सकती है।