Edited By Updated: 27 Sep, 2016 02:06 PM
शिक्षक ही बच्चों का मार्गदर्शक होता है और अगर वहीं शिक्षक पढ़ने वाले बच्चों की हिटलर बन उनकी जानवरों की तरह पिटाई करने लगे तो क्या कहेंगे आप?
करनाल (कमल मिड्ढा): शिक्षक ही बच्चों का मार्गदर्शक होता है और अगर वहीं शिक्षक पढ़ने वाले बच्चों की हिटलर बन उनकी जानवरों की तरह पिटाई करने लगे तो क्या कहेंगे आप? आपको बता दें एक एेसा ही शिक्षक सी.एम. सी.टी. करनाल का है जो फौज से रिटायर्ड होने के बाद फौज वाला सख्त कानून बच्चों पर ही आजमाते है।
मिली जानकारी के अनुसार हिटलर शिक्षक ने 15 साल डिफेन्स इन्डियन नेवी में नौकरी की। उसके बाद 1999 में करनाल आने के बाद से यह इंग्लिश अकादमी चला रहे है लेकिन सवाल कई खड़े होते है कि 10वीं व 12वीं में पढ़ने वाले मासूम बच्चे जिनको होम वर्क न करने पर प्यार से समझाया जाना चाहिए उन्हें यह शिक्षक डिफेन्स के अपने एक्सपीरियंस से जानवरों की तरह पिटाई करके सिखाते है।
इनकी क्लास में आने वाले बच्चों के चेहरों पर भी अगर ध्यान दे तो एक अलग ही किसम का खौफ़ इनके चेहरे पर दिखाई पड़ता है। इन बच्चों के मां-बाप को यह नहीं पता है कि उनके बच्चों के साथ यह हिटलर टीचर क्या सलूख करता है, लेकिन मारपीट का शिकार हुए उनके कुछ दोस्तों ने ऐसे ही 5 वीडियो क्लास में बैठकर बनाए है, जिसमे यह शिक्षक बच्चों की बड़ी बेरहमी से पिटाई कर रहा है।
टीचर प्रदीप अरोड़ा से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हम कान पकड़ कर उनको डिसीप्लेन सिखाते है। हम प्यार से कई बार सिखाते है लेकिन वह नहीं मानते। उनके मां-बाप ही कहते हैं कि हमें अच्छे रिजल्ट चाहिए फिर हमें उन्हें ऐसे डिसीप्लेन सिखाना ही पड़ता है। बेटा, पप्पू कहकर पहले उन्हें समझाया जाता है। मैं मानता हूं कि यह कानून के खिलाफ भी है लेकिन यह हमारा डिसीप्लेन है।