ठुकराए ‘तेजस’ को गोद लेने सामने आईं कई माएं

Edited By Updated: 24 Aug, 2016 01:14 PM

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जोगेंद्र नगर में शुक्रवार को झाड़ियों में मिला नवजात अब तेजस के नाम से जाना जाएगा।

जींद (ललित कुमार): जोगेंद्र नगर में शुक्रवार को झाड़ियों में मिला नवजात अब तेजस के नाम से जाना जाएगा। नवजात को चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी तथा नॄसग स्टाफ ने शनिवार को नवजात का नामकरण किया। उधर बेबी केयर रूम में प्रसव का लाभ ले रही महिलाएं स्वयं आगे आकर तेजस को अपना दूध पिला रही थीं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड भी बनवा दिया है। शनिवार को तेजस को पीलिया का स्तर 11 एम.एल. तक जा पहुंचा।

 

बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि 18 एम.एल. तक पीलिया स्तर बढऩे पर कोई खतरा नहीं होता, लेकिन पीलिया का स्तर फिलहाल नॉर्मल से ज्यादा है। तेजस के अन्य सभी टैस्ट की रिपोर्ट सही है। तेजस की रिकवरी तेजी से हो रही है। तेजस को सोनीपत के राई के शिशु गृह में भेजने में सप्ताह से 15 दिन तक का समय लग सकता है। 

 

एक्टिव है तेजस: डा. सीमा
बाल रोग विशेषज्ञ डा. सीमा वशिष्ठ ने बताया कि तेजस प्री मैच्योर डिलीवरी से हुआ है। इसके चलते पीलिया का स्तर बढ़ा है लेकिन तेजस काफी एक्टिव है जो जल्द रिकवर कर रहा है। समय पूरा होने तक तथा अच्छी तरह रिकवरी करने के लिए एक सप्ताह से 15 दिनों तक का समय लग सकता है। स्टाफ लगातार तेजस पर नजर रखे हुए है।

 

प्री मैच्योर पैदा हुआ था ‘तेजस’
शनिवार को खुलासा हुआ कि तेजस की डिलीवरी प्री मैच्योर है। तेजस ने जन्म के लिए पूरे 9 माह नहीं लिए, बल्कि 8 माह के दौरान ही तेजस की डिलीवरी हुई है और डिलीवरी विशेषज्ञ की देखरेख में हुई है। तेजस सुंदर नैन नक्ष और शारीरिक रूप से मजबूत और एक्टिव है। पीलिया का स्तर बढऩे के पीछे तेजस का प्री मैच्योर होना रहा है। नॉर्मल शिशु का वजन अढ़ाई किलोग्राम से ज्यादा होता है, जबकि तेजस का वजन पौने 2 किलोग्राम है। बाल रोग विशेषज्ञों के अनुसार ब्लड ग्रुप के ओ पॉजीटिव और आर.एच. नैगेटिव होने के कारण पीलिया की संभावना ज्यादा होती है। तेजस की मां के ब्लड ग्रुप के बारे में कोई जानकारी नहीं है जिसके कारण थोड़ी-सी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। 

 

गोद लेने के लिए कई मां लाइन में
भले ही तेजस की मां ने उसे ठुकरा दिया हो लेकिन तेजस को गोद लेने के लिए दर्जनों मां लाइन में हैं। जोगेंद्र नगर में नवजात शिशु मिलने के बाद हुए हंगामे के बाद लोगों ने सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने नवजात को सामान्य अस्पताल में पहुंचाया। यहां पर शनिवार को दर्जनों ऐसी मां सामने आई, जो तेजस को गोद लेना चाहती थी। बेबी केयर रूम में आवाज के साथ ही प्रसव का लाभ ले रही महिलाएं स्वयं आगे आकर तेजस को अपना दूध पिला रही थीं। दिनभर तेजस को गोद लेने वालों की भीड़ सामान्य अस्पताल में लगी रही। हर कोई अपना बायोडाटा गोद लेने के लिए चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी के सदस्यों के सामने रख रहा था। गोद लेने की इच्छा जताते हुए प्रक्रिया को समझ रहा था। प्रक्रिया लम्बी होने के बावजूद लोग तेजस की झलक पाने के लिए आतुर थे।

 

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