Edited By Updated: 15 Feb, 2016 04:55 PM
भगाना गांव के दलित परिवार लघुसचिवालय में धरने पर बैठे है और पिछले पांच दिनों से मनोज के शव का
हिसार (दिनेश भारती) :भगाना गांव के दलित परिवार लघुसचिवालय में धरने पर बैठे है और पिछले पांच दिनों से मनोज के शव का दाहसंस्कार नहीं कर रहे है। उसके परिवारजनों का कहना है कि काफी समय से दलित समाज के लोग धरने पर बैठे हैं। इस दौरान तबीयत खराब होने से मनोज की मृत्यु हो गई। उनकी कुछ मांगें जब तक पूरी नहीं हो जाती वे मनोज के शव का संस्कार नहीं करेंगे।
परिजनों का आरोप है कि मनोज की मौत का जिम्मेदार प्रशासन हैं इसलिए उन्हें आर्थिक सहायता दी जाए और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। परिजनों ने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक प्रशासन हमारी मांगों को पूरा नहीं करता है तब तक शव के साथ यहीं डटे रहेंगे।
गौरतलब है कि करीब पिछले चार वर्षों से भगाना गांव मे जमीनी विवाद के बाद दलित समाज के लोग हिसार के लघुसचिवालय में धरने पर बैठे है।दलित मांगों की मांग है कि उन्हें गांव में उनकी जमीन वापस दिलवाई जाए। इस दौरान धरने पर बैठै मनोेज की बीमारी के कारण 11 फरवरी को मौत हो गई।
परिजनों का कहना है कि अगर 16 फरवरी तक प्रशासन तमाम मांगों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाता है तो विभिन्न दलित संगठनों को एकत्रित करके बड़े स्तर पर आन्दोलन करेंगे।