Edited By Punjab Kesari, Updated: 02 Feb, 2018 01:30 PM
पहले NRHM, उसके बाद आशा वर्कर्स अौर अब ग्राम सचिवों ने चुप्पी तोड़ते हुए सरकार के खिलाफ हुंकार भर दी है। ग्राम सचिवों ने अपनी मांगों को लेकर आज रेवाड़ी में जोरदार प्रदर्शन किया तथा जिला सचिवालय पहुंचकर सीटीएम को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही...
रेवाड़ी(मोहिंदर भारती): पहले NRHM, उसके बाद आशा वर्कर्स अौर अब ग्राम सचिवों ने चुप्पी तोड़ते हुए सरकार के खिलाफ हुंकार भर दी है। ग्राम सचिवों ने अपनी मांगों को लेकर आज रेवाड़ी में जोरदार प्रदर्शन किया तथा जिला सचिवालय पहुंचकर सीटीएम को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय रहते उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वे चुप नहीं बैठेंगे। वे 12 से 19 फरवरी तक प्रदेश के सभी जिलों में विधायक निवास का घेराव कर वर्षों से वाहन भत्ता के रूप में मिलने वाली मात्र 20 रुपए की राशि एकत्र कर सीएम राहत कोष में दान कर देंगे।
मिल रहा 20 रुपए मासिक भत्ता
ग्राम सचिवों का कहना है कि सरकार की ओर से गांवों के लिए चलाई जाने योजनाओं का क्रियान्वयन उनके द्वारा ही पूरा किया जाता है। जिसे लेकर उपायुक्त द्वारा माह में कई-कई बार बुलाई जाने वाली बैठकों में जाने के लिए उन्हें मात्र 20 रुपए मासिक भत्ते के रूप में दिया जाता है और यह राशि हरियाणा बनने से पहले से दी जा रही है। वहीं आज भी उनके पे स्केल में कोई वृद्धि नहीं की गई है।
3 सालों से कर रहे संघर्ष
उनका कहना है कि इन्हीं मांगों को लेकर वे पिछले 3 सालों से संघर्ष कर रहे हैं और उनके द्वारा सरकार को 11 सूत्रीय मांगपत्र भी सौंपा जा चुका है। पंचायत मंत्री की ओर से उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन भी दिया गया था लेकिन आज तक उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।
ये हैं मांगें
उनकी मांगें हैं कि उन्हें भी पटवारियों के समान पे स्केल दिया जाए, उनकी शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक से बढ़ाकर स्नातक की जाए।