Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Feb, 2018 12:29 PM
अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला पूरे भारतवर्ष की वसुधैव कुटुम्बकम की सोच को दर्शाता है। अब समय है कि पूरा विश्व इसका अनुसरण करे। उक्त वाक्य हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने व्यक्त किए। वे आज यहां हस्तशिल्प के महाकुंभ 32वें...
फरीदाबाद(ब्यूरो): अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला पूरे भारतवर्ष की वसुधैव कुटुम्बकम की सोच को दर्शाता है। अब समय है कि पूरा विश्व इसका अनुसरण करे। उक्त वाक्य हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने व्यक्त किए। वे आज यहां हस्तशिल्प के महाकुंभ 32वें सूरजकुंड मेले के समापन पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सूरजकुंड मेले ने पूरे विश्व को एक पारीवारिक सूत्र में बांधने का काम किया है, क्योंकि जिस मेले में 25 देश भाग ले रहे हों वह एक विश्वव्यापी परिवार ही बन जाता है।
उन्होंने कहा कि सूरजकुंड मेला 1987 में प्रारम्भ हुआ था और निरंतर प्रगति के बाद यह अभूतपूर्व रूप से आगे बढ़ रहा है। इस वर्ष मेले में 1070 दुकानें लगाई गई थीं। राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा आज के समय में शिक्षा और खेल के क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित कर रहा है। उन्होंने किॢगस्तान को कंट्री पार्टनर और उत्तर प्रदेश को थीम स्टेट बनाने के लिए हरियाणा सरकार को बधाई दी।
प्रो. सोलंकी ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक अध्यात्मिक प्रदेश है जहां श्रीकृष्ण और श्रीराम ने जन्म लिया है और हरियाणा ऐसा प्रदेश है जहां भगवान श्रीकृष्ण ने जीवन को जीने का गीता का संदेश कुरुक्षेत्र की पावन धरा से दिया। इस मौके पर राज्यपाल ने मेले का अवलोकन किया तथा हरियाणा के ‘अपना घर’ में पगड़ी बंधवाई। उन्होंने शिल्पियों की कला व उनके उत्पाद के बारे में भी जानकारी ली।