Edited By Punjab Kesari, Updated: 21 Jul, 2017 01:04 PM
भ्रष्टाचारमुक्त शासन का वादा कर सत्ता में आई भाजपा की मनोहर सरकार ने अपने एक हजार दिन पूरे कर लिए हैं।
चंडीगढ़:भ्रष्टाचारमुक्त शासन का वादा कर सत्ता में आई भाजपा की मनोहर सरकार ने अपने एक हजार दिन पूरे कर लिए हैं। इस दौरान सीएम खट्टर को जहां अनुभवहीनता के आरोपों का सामना करना पड़ा, वहीं अपने ही असंतुष्ट विधायकों के विरोध को भी झेलना पड़ा। किसान अभी भी सरकार से संतुष्ट नहीं है और कर्मचारी आंदोलनरत है। बता दें, प्रदेश के लोगों ने 26 अक्तूबर, 2014 को पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनाकर प्रदेश में एक राजनीतिक परिवर्तन की शुरूआत की थी व पार्टी हाईकमान एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खट्टर पर विश्वास व्यक्त कर उन्हें मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी थी। मुख्यमंत्री 21 जुलाई को दोपहर बाद 3.30 बजे स्थानिय होटल में मीडिया से रू-ब-रू होंगे तथा सरकार के कार्यकाल की अब तक की उपलब्धियों व अपने आगे के विजन की जानकारी प्रदेश के लोगों को देंगे।
मंत्रिमंडल की बैठक 25 को
चंडीगढ़: हरियाणा मंत्रिमंडल की आगामी बैठक मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में 25 जुलाई को प्रात: 11 बजे होगी।
-आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और उसके बाद भाईचारे में आई खटास अभी तक जनमानस के मस्तिष्क पर बनी हुई है। खट्टर सरकार में अफसरशाही हावी होने की अवधारणा अभी तक खत्म नहीं हो पाई है। भ्रष्टाचार पर लगातार कार्रवाई की बात कहने वाली सरकार बड़े मामलों में आज भी चुप्पी साधे है।
-ग्वाल पहाड़ी, जाट आंदोलन में संलिप्त अफसरों पर कार्रवाई, वाड्रा लैंड डील जैसे मामले जांच तक सिमट कर रहे गए हैं। हालांकि अपने शासन के करीब पौने 3 साल में सीएम मनोहर लाल ने खुद की ईमानदार और बेदाग होने की छवि को बरकरार रखा है।
-उपलब्धियों को लेकर भले ही भाजपा संगठन और सरकार अपने आप में संतुष्ट हों, लेकिन विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए कई वायदे अभी भी ऐसे अधूरे हैं, जिनका जिक्र आते ही भाजपाइयों को बगलें झांकने पर मजबूर होना पड़ता है। इनमें कर्मचारियों को पंजाब के बराबर वेतनमान, रिटायरमेंट एज बढ़ाकर 60 साल, समान काम के लिए समान वेतन, किसानों को एस.वाई.एल. और हांसी-बुटाना नहर में पंजाब से अपने हिस्से का पानी, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करना आदि शामिल हैं।