SYL को लेकर दलों की दोगली राजनीति: स्टेट के हिसाब से बदल रहे नेताओं के सियासी सुर

Edited By Updated: 22 Feb, 2017 12:09 PM

the syl parties politics devious ways

एस.वाई.एल. के मुद्दे पर पंजाब-हरियाणा में राष्ट्रीय दलों का स्टैंड अलग-अलग है। पंजाब में जहां भाजपा इसके खिलाफ है। वहीं हरियाणा में इसके हक में है।

चंडीगढ़/सिरसा/अंबाला:एस.वाई.एल. के मुद्दे पर पंजाब-हरियाणा में राष्ट्रीय दलों का स्टैंड अलग-अलग है। पंजाब में जहां भाजपा इसके खिलाफ है। वहीं हरियाणा में इसके हक में है। इसी तरह से कांग्रेस हरियाणा में इसके हक में और पंजाब में इसके खिलाफ। यही हाल अकाली दल का है पंजाब में। अकाली इसके लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं, जबकि हरियाणा में अकाली दल के एकमात्र विधायक इसके हक में हैं। इस मुद्दे ने नेताओं को नहीं लोगों को बांट दिया। एक तरफ पंजाब में सियासी नेता हरियाणा को एक बूंद पानी नहीं देने की बातें करते हैं, वहीं उन्हीं पार्टियों के सियासी नेता हरियाणा में नहर बनाने की बात कह रहे हैं। पंजाब में पड़ते कपूरी गांव के लोग इसके खिलाफ  हैं। वे पंजाब पुलिस के साथ खड़े हैं जबकि दूसरी तरफ  इस गांव के बिल्कुल साथ लगते गांव इस्माइलपुर के लोग इसके हक में हैं। ये दोनों गांव एक-दूसरे सटे हुए हैं। इस मुद्दे ने लोगों को बांट दिया है। 

पंजाब और हरियाणा सरकार के लिए चुनौती
इनैलो के 23 फरवरी को एस.वाई.एल. नहर की खुदाई के आह्वान को लेकर जहां दोनों प्रदेशों में सियासी माहौल गर्मा गया है, वहीं पंजाब और हरियाणा की सरकारों के लिए दोनों प्रदेशों में शांति बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गया है। जाट आरक्षण को सुलझाने में जुटी हरियाणा सरकार के लिए यह मामला बड़ी समस्या है, जिसके चलते जिलों में कानून व्यवस्था को चौकस कर दिया गया है। अंबाला क्षेत्र में स्थिति को संभालने के केन्द्र से 5 अतिरिक्त सुरक्षा बलों की कंपनियां वहां पहुंच गई है। हालांकि चौटाला तथा बादल विरोधी इसे मिलीभगत का खेल करार दे रहे हैं। 

सुप्रीम कोर्ट की जजमैंट:सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब द्वारा टर्मीनेशन ऑफ  रिवर वाटर्स एग्रीमैंट 2004 को रद्द किए जाने की कार्रवाई को गैर कानूनी व असवैंधानिक ठहराया है जिसके चलते हरियाणा ने पंजाब की नदियों पर अपने दावे को एक बार फिर से दोहराना शुरू कर दिया है। इसी मुद्दे को लेकर इनैलो ने अब आक्रामक रुख अपना लिया है और उसने 23 फरवरी से एस.वाई.एल. पर गांव इस्माइलपुर में खुदाई का काम शुरू करने की घोषणा की है। 

सुरक्षा बल तैनात:दोनों राज्यों के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर दोनों राज्यों में सुरक्षा बलों को तैनात किया जा रहा है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब में केंद्रीय बलों की 100 कम्पनियों के अलावा पंजाब पुलिस को तैनात किया जा रहा है। 

जानिए, कांग्रेसी नेताओं के बोल
-पूर्व मुख्यमंत्री पंजाब, राजिंद्र कौर भट्ठल
चौटाला व बादल परिवार मिलकर पंजाब के हालात खराब करने में लगे हैं। अब भी बादल के कारण पानी का फैसला पंजाब के खिलाफ गया है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि बादलों की हरियाणा में जायदादें हैं इसलिए वे पानी हरियाणा को जाने देने के हक में हैं। अब भी चौटाला व बादल परिवारों में अंदरखाते कुछ न कुछ लेन-देन हुआ है। बादल सरकार ने तो थाली में डाल कर एस.वाई.एल. का मुद्दा हरियाणा के हाथों में थमा दिया है।

-पंजाब के कांग्रेसी मुख्य प्रवक्ता सुनील जाखड़
अकालियों व इनैलो को पंजाब के साथ पानी के मुद्दे पर खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल विदेश से लौट चुके हैं तथा उन्हें चौटाला की पार्टी द्वारा 23 को किए जा रहे कार्यक्रम बारे अपना स्पष्टीकरण जनता को देना चाहिए। मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे हैं।  हरियाणा की जनता चौटाला परिवार को नकार चुकी है इसलिए अपनी खोई हुई सियासी जमीन हासिल करने के लिए वह पानी के मुद्दे को पुन: उठा रहे हैं। 

-हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा
केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह एस.वाई.एल. को खुदवाए तथा हरियाणा के हिस्से का पानी हरियाणा को दिलवाए। हम केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर मजबूर करेंगे कि हरियाणा को उसका हक मिले। यदि अब नहीं तो कभी नहीं। पहले भी सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा के हक में फैसला हो गया था। सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि पंजाब ऐसे किसी फैसले को एकतरफा निरस्त नहीं कर सकता। अब केंद्र सरकार को एस.वाई.एल. नहर खुदवानी चाहिए। 

-हरियाणा के कांग्रेसी अध्यक्ष अशोक तंवर    
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही फैसला दिया है, ऐसे में पंजाब की तरफ  से नए ट्रिब्यूनल की मांग सिर्फ  और सिर्फ  पानी न देने की नीयत को दर्शाती है। प्रदेश सरकार पानी के लिए चिंतित नहीं है, पी.एम. के पास सी.एम. के लिए वक्त नहीं। भाजपा की प्रदेश में सरकार है और केंद्र में भी। ऐसे में हरियाणा का पानी न मिलना सरकार की मंशा दर्शाता है।

जानिए, बीजेपी नेताओं के बोल     
राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक 
किसी भी राज्य सरकार में पानी का मुद्दा पहले स्टेट सब्जैक्ट हुआ करता था लेकिन जब केंद्र व पंजाब में कांग्रेस की ही सरकार थी तो इस मामले में केंद्र सरकार को शामिल कर लिया गया था। पंजाब के पास सरप्लस पानी नहीं है बल्कि पानी की कमी है। इसलिए पानी की एक बूंद भी अन्य राज्य को नहीं जाने दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसलिए कहा है कि पाकिस्तान को जाने वाला पानी रोक कर हरियाणा को दिया जाएगा। पानी के मुद्दे पर मैं पंजाब के साथ हूं।’’ 

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर
एस.वाई.एल. हमारी जीवन रेखा है। पिछली सरकारों ने इस मामले में केवल लोगों को बहकाने का काम किया जबकि हमारी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दमदार पैरवी की जिसके चलते हमारे पक्ष में फैसला आया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नहर निर्माण को लेकर कोई विवाद नहीं रह गया है। इनैलो द्वारा एस.वाई.एल. की खुदाई का आह्वान केवल सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का एक प्रयोग मात्र है जिसमें कोई दम नहीं है। 

राष्ट्रीय सचिव भाजपा तरुण चुघ
पंजाब सरकार और प्रदेश की जनता इनैलो के कार्यकत्र्ताओं को एस.वाई.एल. नहर के निर्माण के लिए फावड़े चलाने नहीं देगी। पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए एक बूंद भी पानी नहीं है। नहर निर्माण परियोजना के तहत अधिगृहीत की गई जमीन किसानों को लौटाने से संबंधित प्रस्ताव पंजाब विधानसभा में पारित होने के बाद अब सतलुज-यमुना लिंक नहर बनाने का मुद्दा हमेशा के लिए समाप्त हो गया है।’’ 

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री विज
एस.वाई.एल. नहर की खुदाई का तो बहाना है लेकिन लक्ष्य केवल फोटो ङ्क्षखचवाना है। पंजाब में अकाली और हरियाणा में इनैलो एक ही सिक्के के दो पहलू हैं इसलिए वे एक फिक्स मैच खेल रहे हैं। इनैलो नौटंकी कर रहा। पहले से निर्धारित  है कि किस व्यक्ति ने कस्सी चलानी है, किसने डंडे मारने हैं, किसने लाल रंग लगाना है और किसने फोटो खींचनी है। इनैलो तब तक खुदाई करे जब तक हरियाणा को पानी नहीं मिल जाता है। इनैलो पानी लाने में सफल होती हैं उनके गले में माला डालेंगे।-

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