जाट आंदोलन: केस वापिस को लेकर चंडीगढ़ में आज बैठक करेगी 'नई कमेटी'

Edited By Updated: 21 Feb, 2017 11:02 AM

the new committee will meet back case in chandigarh

जाट प्रतिनिधियों और 5 अफसरों की कमेटी के बीच सोमवार को पानीपत रिफाइनरी में दूसरे दैर की वार्ता हुई।

चंडीगढ़:जाट प्रतिनिधियों और 5 अफसरों की कमेटी के बीच सोमवार को पानीपत रिफाइनरी में दूसरे दैर की वार्ता हुई। उसमें समझौते की ओर 2 कदम बढ़े। सवा 3 घंटे चली बैठक में पिछले साल हिंसा में गंभीर घायलों की सहायता राशि एक लाख से बढ़कर 2 लाख रुपए देने में सहमती बनी। मिली जानकारी के अनुसार केस वापिस को लेकर 4 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। ये कमेटी आज मंगलवार को चंडीगढ़ में बैठक होगी, जिसमें जाट समुदाय की ओर से 2 वकील और सरकार के एडवोकेट जनरल कार्यालय से 2 लोग होंगे। आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने संतुष्टि जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मांग पूरी न होने तक धरने जारी रहेंगे। जिसमें सरकार को 6-7 दिन का समय दिया है। वहीं, दूसरी ओर रोहतक में पी.एम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में जसिया के सोमबीर पर देशद्रोह व जातीय हिंसा ङड़काने का केस दर्ज हुआ है। हांलाकि मलिक ने बयान पर माफी मांग ली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नॉन जाट सीएम होने से कोई परेशानी नहीं है। 

बजट सत्र तक चलेगी 'जाट आंदोलन' की तपिश
हरियाणा में आरक्षण सहित कई मुद्दों को लेकर धरना दे रहे जाटों को मनाने के लिए भले ही सरकार की ओर से सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हो, लेकिन आंदोलन की तपिश अब विधानसभा बजट सत्र तक चलेगी। विधानसभा में इस मुद्दे पर एक बार फिर से सत्तापक्ष और विपक्ष में हो-हल्ला होना तय है। हालांकि दूसरे दौर की वार्ता में आज ढेसी कमेटी ने जाटों की कई अहम मांगों को मान लिया, लेकिन अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारी अभी धरना खत्म करने के मूड में नहीं है।

जाट नेताओं की मानें तो जब तक सरकार की ओर मांगी गई मांगें जमीनी स्तर पर नजर नहीं आएंगी तब तक उनका धरना जारी रहेगा। वहीं अगले दौर की वार्ता से पहले एक बार फिर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने मंत्रियों से सलाह-मशविरा कर प्रारूप तैयार करेंगे। माना जा रहा है कि तीसरे दौर की वार्ता में काफी हद तक मामले का समाधान हो जाएगा। सोमवार को पानीपत में ढेसी कमेटी और जाट नेताओं के बीच हुई दूसरे दौर की वार्ता में सरकार बेहद दबाव में नजर आई। जाटों की कई मांगों को ढेसी कमेटी ने सैद्धांतिक तौर से स्वीकार कर लिया, लेकिन मुकद्दमे वापस लेने संबंधी मामले में अभी जाट नेताओं को कई तरह का पेंच नजर आ रहा है।

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