Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Mar, 2018 01:17 PM
हरियाणा सरकार ने इस बार भी बजट में एसवाईएल को लेकर फिर पुराना राग दोहराने का काम किया है। बीते वर्ष भी बजट में सरकार ने नहर के लिए सौ करोड़ रुपए का प्रवाधान किया था तो इस बार भी सौ करोड़ की ही राशी रखी है। निर्माण राशी को लेकर सरकार की तरफ से एक...
चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा सरकार ने इस बार भी बजट में एसवाईएल को लेकर फिर पुराना राग दोहराने का काम किया है। बीते वर्ष भी बजट में सरकार ने नहर के लिए सौ करोड़ रुपए का प्रवाधान किया था तो इस बार भी सौ करोड़ की ही राशी रखी है। निर्माण राशी को लेकर सरकार की तरफ से एक रुपया भी नहीं बढ़ाया गया है।
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने एक हजार करोड़ रुपए तक खर्च करने की हामी सदन में जरुर भरी है। सरकार ने इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे विपक्ष को बोलने के लिए फिलहाल मौका नहीं दिया कि बजट में कोई प्रावाधान नहीं किया गया है। कैप्टन अभिमन्यु ने सदन में अाश्वासन दिया कि यदि एसवाईएल के निर्माण के लिए 1000 करोड़ रुपए की भी अावश्कता पड़ी तो उपलब्ध कराएंगे।
एसवाईएल राष्ट्रपति सदर्भ की सुनवाई पिछले 12 वर्षों से लंबित थी, उस पर सर्वोच्च न्यायालय ने 10 नवंबर 2016 को हरियाणा के पक्ष में निर्णय दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने 22 फरवरी 2017 को दोहराया कि 30 नवंबर 2016 को पारित अंतरिम अादेश अागामी अादेशों तक जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने खुदाई का कार्य पूरा कराने के लिए जल संसाधन मंत्रालय को उचित निर्देश देने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था ताकि पंजाब के क्षेत्र में एसवाईएल को शीघ्र पूरा करवाने के लिए मार्ग प्रशस्त हो सके।