Edited By Updated: 26 Feb, 2017 10:38 AM
हरियाणा का विधानसभा बजट सत्र सोमवार कल (27 फरवरी) से शुरू होगा।
चंडीगढ़ (धरणी):हरियाणा का विधानसभा बजट सत्र सोमवार कल (27 फरवरी) से शुरू होगा। राज्यपाल के अभिभाषण के साथ इसकी शुरूआत होगी। अनुमानित तौर से 27 फरवरी से 10 मार्च तक चलने वाले इस सत्र में बजट 6 मार्च को पेश होने की संभावना है। इस समय हरियाणा में चल रहे एस.वाई.एल. व जाट आंदोलन पर सरकार को करारे प्रहार झेलने पड़ सकते हैं। चर्चा यह भी है कि दक्षिण हरियाणा के भाजपा विधायक भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेर सकते हैं। करीब 10 दिन तक चलने वाले इस सत्र में सरकार की राह आसान नहीं होगी। इनैलो का कहना है कि बजट सत्र बेहद कम समय का रखा गया है। उधर, कांग्रेस में एकजुट होकर मुद्दों को उठाने की बात भी चुनौती रहेगी।
विधानसभा में कांग्रेस के नेता आपसी चौधर की लड़ाई छोड़कर कितनी सार्थकता दिखाएंगे, यह आने वाला समय बताएगा। कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी के साथ विधायकों का बहुमत नहीं है। विधायकों का बहुमत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ है। वित्तमंत्री कै.अभिमन्यु ने कहा कि पिछले 2 वर्ष के दौरान उन्होंने प्रदेश के विकास कार्यों में तेजी लाने का कार्य किया है और इस बार उनका विशेष प्रयास रहेगा कि एक अभियान चलाकर गांवों को भी शहरों के समान मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं।
उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों में हरियाणा की जी.डी.पी. में सुधार हुआ है और वित्तीय घाटे को भी कम किया है। इस बार पब्लिक सैक्टर अंडरटेकिंग में सुधार लाने का भी विशेष प्रयास होगा। इनैलो नेता प्रवीन अत्रे ने कहा कि विपक्ष के पास मुद्दों की कमी नहीं है लेकिन बजट सैशन का समय काफी कम रखा गया है। उन्होंने कहा कि बजट पेश होने के बाद इसके अध्यन के लिए विधायकों को समय दिया जाना चाहिए, जिससे कि बजट पर सार्थक चर्चा हो सके। उन्होंने जाट आरक्षण और एस.वाई.एल. के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने की बात कही है। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा सैशन के दौरान जाट आरक्षण बिल आने पर नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ने मांग की थी कि केंद्र सरकार को पत्र लिखकर शैड्यूल 9 में रखा जाए। उन्होंने कहा था कि अब जाट इसलिए आंदोलन कर रहे हैं कि सरकार ने उनसे किए गए वायदे पूरे नहीं किए।
इनैलो नेता आर.एस. चौधरी के अनुसार एस.वाई.एल. इस समय हरियाणा के लिए गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि मात्र भाषणों और प्रवचनों के जरिए प्रदेश में एस.वाई.एल. का पानी लाने की बात की जा रही है। वहीं, जाट आरक्षण पर चौधरी ने कहा कि यह भी अपने आप में एक गंभीर मुद्दा है जिसमें सरकार का दामन साफ नहीं है। वहीं, भाजपा सरकार के मंत्री अनिल विज का कहना है कि यह बाजू उनके आजमाए हुए हैं इसलिए ये क्या कहते हैं, यह मत देखो, ये लोग कैसे भागते हैं ये देखो। फिलहाल जहां प्रदेश सरकार बजट में प्रदेश के विकास और वित्तीय स्थिति के सुधार के दावे कर रही है वहीं एस.वाई.एल. और जाट आरक्षण जैसे प्रमुख मुद्दे सरकार के इन दावों के बीच के बीच खलल डाल सकते हैं।