‘ठंड’ में फिर से ‘पानी’ पर ‘गर्म’ हुई सियासत

Edited By Updated: 20 Jan, 2017 10:18 AM

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हरियाणा के पड़ौसी राज्य पंजाब में चुनावी संग्राम के बीच सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा...

सिरसा (संजय अरोड़ा):हरियाणा के पड़ौसी राज्य पंजाब में चुनावी संग्राम के बीच सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कल बुधवार को दिए अपने फैसले में कड़ा रूख अपनाने व पूर्व में दिए फैसले को हर हालत में लागू किए जाने के आदेशों से इस भीषण ठंड में दोनों राज्यों की सियासत चुनावी माहौल में पुन: गर्माने के आसार बन गए हैं। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने कल के अपने निर्णय में यह साफ कर दिया है कि एस.वाई.एल. निर्माण पर अदालत के निर्णय को हर हालत में लागू किया जाए और यह लागू कैसे होता है यह देखना सरकारों का काम है।

गौरतलब है कि इससे पूर्व सर्वोच्च न्यायालय की 5 सदस्यीय खंडपीठ ने 10 नवम्बर 2016 को अपने ऐतिहासिक निर्णय में हरियाणा को उसके हिस्से का पानी देने व नहर निर्माण पूरा करवाने का आदेश दिया था। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कल दिए गए फैसले के बाद हरियाणा की सियासत पूरी तरह से गर्मा गई है जहां भाजपा सरकार सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करने की बात कर रही है तो वहीं विपक्षी दल सरकार को निशाने पर लेते हुए आरोप लगा रहे हैं कि सरकार की नीयत इस मामले में साफ नहीं है और सरकार हरियाणा के हितों से खिलवाड़ कर रही है। इस कड़ाके की ठंड में पानी के मसले पर राजनेताओं में वाकयुद्ध भी तेज हो गया है।

हरियाणा को मिलेगा उसके हिस्से का पानी: प्रो. रामबिलास
हरियाणा के शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सरकार स्वागत करती है और सर्वोच्च न्यायालय का फैसला पूरी तरह से स्पष्ट व साफ है और वह दिन दूर नहीं जब दक्षिण हरियाणा के साथ-साथ प्रदेश को नहर का पानी मिलेगा। उन्होंने कहा कि 50 वर्षों से हरियाणे के हिस्से का पानी पाकिस्तान जा रहा है वह अब हरियाणा को मिल सकेगा। इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्पष्ट कर चुके हैं। अब कोर्ट के फैसले के बाद इस पानी का आबंटन हो के रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें सर्वोच्च न्यायालय पर पूरी उम्मीद और भरोसा है।

भाजपा सरकार की नीयत ठीक नहीं लगती: हुड्डा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला पूरी तरह मान्य होना चाहिए और भाजपा सरकार को इसे तुरंत प्रभाव से लागू करना चाहिए। मगर, उन्हें इस मामले में भाजपा सरकार की नीयत ठीक नहीं लगती। जिस तरह से गृह सचिव ने जवाब दिया है उसकी कोई आवश्यकता ही नहीं है। हुड्डा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की 5 सदस्यीय खंडपीठ ने जो फैसला दिया है उसे विधायिका या प्रशासनिक स्तर पर बदला नहीं जा सकता। इसलिए भाजपा सरकार को अदालत के फैसले का सम्मान करते हुए फैसले को लागू करना चाहिए।

देरी से मगर मजबूती से आया फैसला: रणजीत सिंह
पूर्व सांसद चौ. रणजीत सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भले ही फैसला देरी से आया है पर पूरी मजबूती से आया। ऐसे ही फैसले की सभी को उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि एस.वाई.एल. नहर का निर्माण जो हरियाणा बनने के साथ ही शुरू होना था वह केवल राजनेताओं के निजी स्वार्थों के कारण लम्बे समय से लटकता आ रहा है। जिससे पैसे की बर्बादी हुई है और प्रदेश के किसानों को भी अपने पानी के अधिकार से भी लम्बे समय तक वंचित रहना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए नहर निर्माण की दिशा में प्रभावी कदम उठाने चाहिएं।

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