Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Mar, 2018 01:35 PM
हरियाणा सरकार के इस बजट में स्किल डेवलपमेंट पर तो सरकार का फोकस दिख रहा है लेकिन वित्त मंत्री की पोटली से हरियाणा के उद्योगों के लिए झोली खाली ही रही। पहले हरियाणा के उद्योगों को केंद्र सरकार के अाम बजट से अास थी। लेकिन कैप्टन की पोटली में से...
चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा सरकार के इस बजट में स्किल डेवलपमेंट पर तो सरकार का फोकस दिख रहा है लेकिन वित्त मंत्री की पोटली से हरियाणा के उद्योगों के लिए झोली खाली ही रही। पहले हरियाणा के उद्योगों को केंद्र सरकार के अाम बजट से अास थी। लेकिन कैप्टन की पोटली में से हरियाणा के उद्योगों को भी खास सौगात नहीं मिली। हरियाणा में सूक्ष्म और लघु अद्योगों को बढ़ावा देने के लिए करीब तीस क्लस्टर प्रस्तावित हैं। दुनिया की सबसे बड़ी साइंस,रिसर्च एवं मेडिकल उपकरणों के लिए प्रख्यात अंबाला की साइंस सिटी के लिए रिजनल साइंस सेंटर भी प्रस्तावित है।
लेकिन औद्योगिक परियोजनाएं अागे कैसे बढ़ेगी, इसके लिए न तो केंद्र से और न ही राज्य सरकार से इन्हें संजीवनी मिली। बजट में अौद्योगिक सेक्टर के लिए सरकार ने 'ईज अाॅफ डूइंग' की रैंकिंग का ढिंढोरा पीटते हुए केवल अपनी वाहवाही लूटी। न कोई बड़ी घोषणा की और न ही उद्यमियों को कोई राहत दी। इसके अतिरिक्त दूसरी ओर बजट पेश करते समय सरकार कौशल विकास पर गंभीर दिखाई दी। हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने वर्ष 2018-19 के बजट में कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के लिए परिव्य बढ़ाकर 657.94 करोड़ रुपए किया है जो 2017-18 में प्रदान किए गए 458.71 करोड़ रुपए से 43.43 प्रतिशत अधिक है।