Edited By Punjab Kesari, Updated: 13 Aug, 2017 08:27 AM
पानी का समुचित प्रबंधन कर नहरों की टेल तक सूखे पड़े खेतों को सींचना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।
बहल (पोपली):पानी का समुचित प्रबंधन कर नहरों की टेल तक सूखे पड़े खेतों को सींचना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। जिन नहरों में पिछले 25-30 सालों से पानी नहीं आया था, राजस्थान की सीमा के साथ लगती इन नहरों की टेल तक पानी पहुंचाने का सरकार ने जो काम किया, उसका उत्साह किसानों के चेहरों पर साफ दिखाई दे रहा है। सी.एम. मनोहर लाल ने भाजपा उपाध्यक्ष जे.पी. दलाल द्वारा आयोजित कार्यक्रम के तहत बहल, नांगल, पाजू, सिरसी, चहैड़ खुर्द, सोरड़ा कदीम, सोरड़ा जदीद में नहरों का अवलोकन के दौरान जनसमूह को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।
मरुस्थल के जहाज (ऊंट) पर बैठकर जांचा पानी का स्तर
पहली दफा सी.एम. ने रेतीले इलाके में पहुंचकर नहर व माइनरों के टेलों पर नहरी पानी जांचा। खास बात यह रही कि सी.एम. गाड़ी से नहीं बल्कि मरुस्थल के जहाज (ऊंट) पर बैठकर माइनरों के अंतिम छोर तक गए और पानी के स्तर के बारे में जानकारी ली। एक दफा तो सी.एम. पानी की जांच के लिए माइनर के अंदर ही उतर गए। हालांकि पानी से थोड़ी ऊपर खड़े होकर अधिकारियों से पानी के बारे में बातचीत की।
उन्होंने कहा कि पानी तो पहले भी हरियाणा में जितना अब है, उतना ही था लेकिन पिछली सरकारों ने दक्षिणी हरियाणा के रेतीले इलाकों (टेल) तक पानी पहुंचाने की इच्छाशक्ति कभी नहीं जताई।
वर्तमान सरकार ने इस समस्या पर गंभीरता से विचार किया और लोहारू डिवीजन की सौरा डिस्ट्रीब्यूट्री, नांगल पाजू माइनर, चहैड़ खुर्द माइनर की टेल तक पानी पानी पहुंचाने का प्रबंध किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नहरों की 1300 टेल लगती हैं, इनमें 1200 से अधिक टेल पर पानी पहुंचाया जा चुका है। शेष जो टेल बची हैं, उनकी मुरम्मत का काम पूरा करके वहां भी पानी की आपूर्ति की जाएगी।