Edited By Punjab Kesari, Updated: 27 Dec, 2017 08:10 PM
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि, अगर निजी स्कूल गलत तरीके से फीस वसूलते हैं तो सरकार बच्चों के परिजनों को फीस वापिस करने के लिए स्कूल की संपति तक बेचने के लिए स्वतंत्र हैं। दरअसल, डीपीएसजी पेरेंट्स एसोसिएशन...
चंडीगढ़(धरणी):पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि, अगर निजी स्कूल गलत तरीके से फीस वसूलते हैं तो सरकार बच्चों के परिजनों को फीस वापिस करने के लिए स्कूल की संपति तक बेचने के लिए स्वतंत्र हैं।
दरअसल, डीपीएसजी पेरेंट्स एसोसिएशन फरीदाबाद ने स्कूलों द्वारा बढ़ाई गई फीस को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वर्तमान में बनाई गई कमेटियां केवल क्लॢकयल काम तक ही रह गई हैं। स्कूलों द्वारा की जा रही फीस वृद्घि पर इनका कोई कंट्रोल नहीं है। ऐसे में याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी है। स्कूल मनमाने तरीके से फीस में वृद्घि कर रहे हैं जो हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा जारी किए गए आदेशों के खिलाफ है।
इसी याचिका पर हाईकोर्ट ने डिवीजन बेंच के आदेशों को देखने के बाद कहा कि इस मामले में वे खुद निगरानी नहीं कर सकते हैं। ऐसे में हाईकोर्ट ने हरियाणा एजुकेशन विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को आदेश दिए कि वे एक कमेटी गठित करें। यह कमेटी देखेगी कि स्कूल फीस की वृद्घि कैसे की गई है और वृद्घि के लिए जो कारण और कारक हैं वे सही हैं या नहीं।
साथ ही हाईकोर्ट ने छात्रों के अभिभावकों को आदेश दिए कि वे बढ़ी हुई फीस को जमा करवा दें। यदि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह पाया कि फीस गलत तरीके से वसूल की है तो ऐसी स्थिति में स्कूलों की प्रोपर्टी नीलाम करके भी वसूली करनी पड़ी तो की जाएगी। हाईकोर्ट ने स्कूलों को अंडरटेकिंग देने के आदेश दिए कि यदि वसूली करनी पड़ी तो प्रोपर्टी बेचकर भी वसूली की जा सकती है। इन आदेशों के साथ ही हाईकोर्ट ने 28 फरवरी तक कमेटी को फीस को लेकर अपनी रिपोर्ट जमा करवाने के आदेश दिए हैं।