Edited By Updated: 19 Apr, 2017 07:14 PM
गौचराण भूमि को खाली करवाने व गौवंश की रक्षा के लिए संत गोपालदास ने सरकार को आड़े हाथों लिया।
रोहतक:गौचराण भूमि को खाली करवाने व गौवंश की रक्षा के लिए संत गोपालदास ने सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने भाजपा को विनाशकारी व कंसों की सरकार करार देते हुए चुनौती दी कि गौचराण भूमि व गौवंश को लेकर वह जनता की अदालत में सरकार से बहस करने के लिए तैयार हैं। अगर सरकार ने गौवंश के लिए गौचराण भूमि खाली नहीं करवाई और इसका लेख-जोखा नहीं दिया तो वह भू-समाधि ले लेंगे। संत गोपालदास ने पत्रकारों से बातचीत कर ये सब कहा। उन्होंने आर.टी.आई. के माध्यम से सरकार से पूछा कि गौचराण भूमि का रेवैन्यू आखिर कहां खर्च किया गया।
उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर किस तरह 20 पैसे में एक गाय का गुजारा हो सकता है। सरकार बताए आखिर उसने कौन-सी बूटी ईजाद की है कि जिसको सुंघाने मात्र से ही गाय एक सप्ताह तक बिना कुछ खाए रह सकती है। लगातार 152 दिन तक भूख हड़ताल करने वाले गोपालदास का कहना है कि सरकार ने उन्हें ठोस आश्वासन दिया था कि प्रदेश में जहां-जहां गौचराण भूमि है, उसे खाली करवाया जाएगा, आज सरकार अपने वायदों से मुकर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार हरियाणा में गौवंश के लिए देश का सबसे मजबूत गौरक्षा कानून बनाने का दावा कर लोगों को भ्रमित कर रही है। मुख्यमंत्री हरियाणा में गौहत्या बंद करने जैसा झूठा बयान देकर जनता को बहका रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पशु कल्याण प्रकोष्ठ में गौवंश के लिए हर वर्ष 39 करोड़ रुपए दिया जाता था लेकिन भाजपा ने प्रति गाय 20 पैसे खर्च की बात करके बजट को 5 करोड़ रुपए कर दिया। हर वर्ष सरकार गाय के नाम पर अढ़ाई हजार करोड़ रुपए डकार रही है। पहले जो गाय के नाम पर देते थे दुहाई, आज वही बने संवेदनहीन गोपालदास ने कहा कि उन्होंने जब रोहतक में आंदोलन किया था तो उस समय वर्तमान शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा व सी.एम. मनोहर लाल गाय को लेकर दुहाई देते थे और उनका समर्थन करते थे। आज सरकार होने के बावजूद वह उसी गौमाता को भूल गए हैं। गाय का इस्तेमाल केवल चुनाव में वोट हासिल करने के लिए किया गया। सरकार ने आज तक गौवंश के मुद्दे या गौचराण भूमि का मामला संसद में नहीं उठाया।