Edited By Updated: 28 Feb, 2017 10:19 AM
आरक्षण की मांग को लेकर प्रदेश में जाट समुदाय द्वारा चलाए गए आंदोलन ने एक तरफ जहां सुरक्षा एजैंसियों की नींद उड़ा रखी है
सोनीपत:आरक्षण की मांग को लेकर प्रदेश में जाट समुदाय द्वारा चलाए गए आंदोलन ने एक तरफ जहां सुरक्षा एजैंसियों की नींद उड़ा रखी है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी विभागों की हालत भी पतली होती जा रही है, अगर रोडवेज विभाग की बात करें तो जाट आरक्षण आंदोलन के कारण पिछले एक माह में विभाग को 5 करोड़ रुपए का फटका लग चुका है। आलम यह है कि प्रभावित क्षेत्रों के डिपो घाटे का घूंट पीने पर मजबूर हो गए हैं। पिछले साल की तरह इस बार भी जनवरी और फरवरी माह में डिपो की कमाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है। जाट आरक्षण आंदोलन के चलते प्रभावित जिलों के अंतर्गत आने वाले डिपो में से लगभग 150 बसों को प्रशासनिक ड्यूटी पर लगा रखा है। ये बसे पिछले 30 दिनों से यात्रियों को छोड़कर सुरक्षा कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों को ड्यूटी स्थल से लाने व ले जाने का काम कर रही है।
जाट आरक्षण आंदोलन के कारण न सिर्फ रोडवेज को नुक्सान झेलना पड़ रहा है, बल्कि बस यात्रियों की दिक्कतें भी कई गुणा बढ़ी हुई हैं। सोनीपत में जहां 40 बसों को अपने रूट से हटाकर प्रशासनिक ड्यूटी पर लगाया गया है। वहीं, रोहतक में 35, झज्जर में 25 तो हिसार में 15 बसें पिछले एक माह से प्रशासनिक ड्यूटी पर तैनात हैं।
रोडवेज को हो रहे नुक्सान के अनुमानित आंकड़े
जिला ऑन ड्यूटी बस नुक्सान
हिसार 15 59.40 लाख
भिवानी 10 39.60 लाख
जींद 12 47.52 लाख
रोहतक 35 1.38 करोड़
सोनीपत 40 1.08 करोड़
झज्जर 24 95.04 लाख
पानीपत 6 23.76 लाख