Edited By Punjab Kesari, Updated: 13 Dec, 2017 11:17 AM
हरियाणा के महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी जिले की ऐतिहासिक धरोहरों को मूलरूप देकर पर्यटन के तौर पर विकसित किया जाएगा और राजस्थान की सीमा से सटे इन जिलों की ऐतिहासिक धरोहरों की पहचान को कायम रखने हेतु कुल अुनमानित 147 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह जानकारी...
चंडीगढ़(चंदशेखर घरणी):हरियाणा के महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी जिले की ऐतिहासिक धरोहरों को मूलरूप देकर पर्यटन के तौर पर विकसित किया जाएगा और राजस्थान की सीमा से सटे इन जिलों की ऐतिहासिक धरोहरों की पहचान को कायम रखने हेतु कुल अुनमानित 147 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह जानकारी हरियाणा पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन ने महेंद्रगढ़ किला व माधोगढ़ फोर्ट का निरीक्षण करने उपरांत महेंद्रगढ़ में दी। उन्होंने कहा कि महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी जिलों की कई ऐतिहासिक धरोहरों को उनका मूलस्वरूप प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 99 करोड़ तथा हरियाणा सरकार की ओर से 48 करोड़ की अनुमानित राशि खर्च की जाएगी ताकि ये धरोहरें पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकें। उन्होंने कहा महेंद्रगढ़, नारनौल व रेवाड़ी की इन धरोहरों की फिजिकल वैरीफिकेशन की जा रही है।
8 धरोहरों का होगा कायापलट
विजयवर्धन ने कहा कि हरियाणा के अंतिम छोर पर बसे एवं राजस्थान की सीमा से सटे महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी जिलों की 8 धरोहरों की कायापलट करके टूरिजम इंफ्रास्ट्रक्चर हैरिटेज सर्किट के तौर पर विकसित किया जाएगा जिनमें महेंदगढ़ फोर्ट, माधोगढ़ फोर्ट, नारनौल का रायमुकंद का छत्ता, तख्त बओली, ढोसी की पहाड़ी, रेवाड़ी का बड़ा तालाब, सोला राही शिव धरोहर तथा सिटी वाईड इंफ्रास्ट्रक्चर का जीर्णोद्धार शामिल है।