Edited By Punjab Kesari, Updated: 12 Nov, 2017 05:42 PM
बैंकों और मोबाइल कंपनियों की तर्ज पर अब हरियाणा में जमीन की खरीद-फरोख्त में भी ई-केवाईसी व्यवस्था लागू होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दे दिए हैं। हालांकि रजिस्ट्री की खरीद-फरोख्त में अभी भी क्रेता-विक्रेता से आधार नंबर...
चंडीगढ़(ब्यूरो): बैंकों और मोबाइल कंपनियों की तर्ज पर अब हरियाणा में जमीन की खरीद-फरोख्त में भी ई-केवाईसी व्यवस्था लागू होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दे दिए हैं। हालांकि रजिस्ट्री की खरीद-फरोख्त में अभी भी क्रेता-विक्रेता से आधार नंबर लिया जा रहा है लेकिन उसके ऑनलाइन वेरिफिकेशन व्यवस्था नहीं है। अब ऑनलाइन वेरिफिकेशन होने से गवाहों की जरूरत नहीं रहेगी। इससे रजिस्ट्री जल्दी होगी और क्रेता एवं विक्रेता दोनों का ही समय बचेगा। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण ने जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में उन्हें मौजूदा व्यवस्था के साथ-साथ धीरे-धीरे ई-केवाईसी भी लागू करने को कहा।
एफसीआर केशनी आनंद अरोड़ा ने बताया कि यह व्यवस्था इसलिए लागू की जा रही है ताकि रजिस्ट्रियों में फर्जीवाड़ा न हो। लेकिन, वर्तमान में चल रही व्यवस्था लागू रहेगी। अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं तो वह दूसरे दस्तावेज भी पेश कर सकता है। लेकिन, उसे नंबरदार के साथ-साथ गवाहों से भी पहचान करानी होगी। गांवों का लैंड रिकॉर्ड 97 फीसदी तक कंप्यूटराइज्ड किया जा चुका है।
इसके अलावा एचएसआईआईडीसी, हुडा, शहरी स्थानीय निकाय आदि का रिकॉर्ड भी अपडेट करके राजस्व विभाग के साथ लिंक किया जा चुका है। जिन नगरीय निकायों का लैंड रिकॉर्ड लिंक होना बाकी है, उनके साथ-साथ कोर्ट केसेज का डाटा भी लिंक किया जा रहा है। राजस्व विभाग के कंप्यूटरों को भी अब ई-केवाईसी सॉफ्टवेयर के साथ तुरंत अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य का कोई भी नागरिक अब जमाबंदी डॉट एनआईसी डॉट इन वेबसाइट पर जाकर अपना भूमि रिकॉर्ड चैक कर सकता है।