Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Jul, 2017 03:19 PM
हाईकोर्ट के आदेशों के बाद हरियाणा के सभी 4 विधायकों ने सीपीएस के पद से तो इस्तीफा दे दिया है लेकिन...
रोहतक (दीपक भारद्वाज):हाईकोर्ट के आदेशों के बाद हरियाणा के सभी 4 विधायकों ने सीपीएस के पद से तो इस्तीफा दे दिया है लेकिन अब इस मामले में सियासत भी तेज होने लगी है और सबसे पहला सियासी हमला बोला है आम आदमी पार्टी ने। आम आदमी पार्टी ने इस्तीफा दे चुके चारों सी.पी.एस. की विधायक की सदस्यता भी रद्द करने की मांग की है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने इसके लिए दिल्ली सरकार के सीपीएस मामले को आधार बनाया है।
नवीन जयहिंद ने कहा कि जब दिल्ली में भाजपा ये मांग कर रही है कि आम आदमी पार्टी की सरकार के संसदीय सचिवों की विधायक की सदस्यता रद्द कर दी जाए तो फिर हरियाणा में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भाजपा की सरकार है और अगर दिल्ली में भाजपा ऐसी मांग कर रही है तो फिर हरियाणा में भी उसे इस्तीफा दे चुके सी.पी.एस. के खिलाफ यही कदम उठाना चाहिए और उनकी विधायक की सदस्यता भी रद्द कर देनी चाहिए।
आपको बता दें कि दिल्ली में भी कोर्ट ने सी.पी.एस. के पदों के मामले में अहम फैसला सुनाया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने साल 2016 में अपने फैसले में दिल्ली सरकार के 21 सी.पी.एस. पदों को असंवैधानिक बताया था और इन पदों को रद्द करने का आदेश दिया था। उस दौरान कोर्ट में दिल्ली सरकार ने माना भी था कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी नहीं ली गई थी। हालांकि इस मामले में अब तक दिल्ली सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है और दिल्ली भाजपा इस मामले में सरकार को घेरती आई है।
यही वजह है कि अब हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को भुनाने में जुट गई है और प्रदेश सरकार को घेरती नजर आ रही है। हरियाणा आम आदमी पार्टी ने इस मामले में राष्ट्रपति और चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है और सभी 4 इस्तीफा दे चुके सी.पी.एस. की विधायक पद की सदस्यता रद्द करने की मांग की है।