घरों का नक्शा पास करवाने को नही काटने पड़ेंगे चक्कर, भ्रष्टाचार मुक्त होगा हरियाणा

Edited By Punjab Kesari, Updated: 05 Jan, 2018 10:19 PM

no need to bustle to  get passed  houses map

पहलो भ्रष्टाचार के चलते फाइलों को दबा दिया जाता था, वहीं नई योजना के अंतर्गत कार्य शुरु कर दिया है। जिसमें सभी लाइसेंसशुदा कालोनियों में घर के नक्शे 5-8 दिन के तय समय मे मिलने लगेंगे। नक्शे एवं कम्प्लीशन सर्टिफिकेट्स व्यवस्था में बदलाव करते हुए...

गुरूग्राम(अनिल मनचंदा): पहलो भ्रष्टाचार के चलते फाइलों को दबा दिया जाता था, वहीं नई योजना के अंतर्गत कार्य शुरु कर दिया है। जिसमें सभी लाइसेंसशुदा कालोनियों में घर के नक्शे 5-8 दिन के तय समय मे मिलने लगेंगे। नक्शे एवं कम्प्लीशन सर्टिफिकेट्स व्यवस्था में बदलाव करते हुए आर्किटेक्ट्स को ज्यादा जिम्मेदार बनाने का प्रयास किया गया है। नई योजना के तहत एसटीपी के नेतृत्व वाली कमेटियों पर काम का दबाव कम होगा। इससे पहले एसटीपी के नेतृत्व वाली कमेटी की बैठक में ही ओसी व बिल्डिंग प्लान को अप्रूवल मिलती थी। इसका सबसे ज्यादा फायदा गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पंचकूला व उन शहरों के निवासियों को होगा जहां नई टाउनशिप विकसित हो रही है।

साइबर सिटी गुरुग्राम में डीटीपी विभाग द्वारा पुरानी व्यवस्थाओं में 1 जनवरी 2018 से क्रांतिकारी बदलाव किए गए है, जिसके बाद लाइसेंस शुदा कॉलोनी में नक्शे पास करवाने के लिए जद्दोजहद धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। जिला योजनाकार अधिकारी आरएस बाठ ने बताया कि, योजना के तहत अब अधिकारी किसी को बेवजह परेशान या चक्कर नहीं कटवा सकेंगे। अधिकारियों को नक्शे के लिए 8 दिन एवम कम्प्लीशन सर्टिफिकेस्ट्स के लिए 5 दिन में हर हाल में अपने कार्य को पूरा करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

नगर योजनाकार अधिकारी ने बताया कि, प्रदेश सरकार की इस योजना पर स्वीकृति से पूरी व्यवस्था में आर्किटेक्ट्स को ज्यादा जिम्मेदार बनाने का प्रयास किया गया है। यानि घरों के नक्शे पास करवाते या ओसी लेते हुए आर्किटेक्ट्स के हल्फनामे को महत्व दिया जाएगा। लेकिन जांच में विरोधाभास या आपत्ति पाए जाने पर संबंधित आर्किटेक्ट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के भी प्रावधान हैं।

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उन्होंने बताया कि, इस नई योजना के तहत एसटीपी के नेतृत्व वाली कमेटियों पर काम का दबाव कम होगा। इससे पहले एसटीपी के नेतृत्व वाली कमेटी की बैठक में ही ओसी व बिल्डिंग प्लान को अप्रूवल मिलती थी। इसका सबसे ज्यादा फायदा गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पंचकूला व उन शहरों के निवासियों को होगा जहां नई टाउनशिप विकसित हो रही हैं। गुरुग्राम में औसतन 10 फाइलें बिल्डिंग प्लान अप्रूवल व करीब 8 फाइलें ओसी के लिए हर रोज जमा की जाती हैं।

पहले लाईसेंस प्राप्त कॉलोनियों में घर बनाने के लिए लोगों को अपने घरों के नक्शे पास करवाने के लिए पहले आर्किटेक्ट तथा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीसीपी) दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते हैं। इसके बाद जब फाइल दफ्तर में जमा हो जाती है तो उस पर अनेक प्रकार की आपत्तियां आदि लगाकर उसे या तो वापस कर दिया जाता था या लंबे समय तक दबाकर रखा जाता था। लेकिन अब इस व्यवस्था से निजात दिलवाते हुए हरियाणा बिल्डिंग कोड 2017(एचबीसी) में सरकार ने बड़ा बदलाव किया है।

नई व्यवस्था के अनुसार अब एक हजार वर्ग मीटर तक के रिहायशी प्लाट धारक का नक्शा सेल्फ सार्टिफिकेशन के आधार पर पास कर दिया जाएगा। यही व्यवस्था ऑक्यूपेशन सार्टिफिकेट (ओसी) के लिए भी रहेगी। इसके तहत आर्किटेक्ट को भी नक्शे के साथ सेल्फ सार्टिफिकेशन करना होगा। इसके तहत कुछ नए प्रारूप वाले आवेदन तैयार किए गए हैं। इन निर्धारित प्रारूपों में ही नए आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। बिल्डिंग प्लान व ओसी की फाइलों की रेंडम जांच की जाएगी। पहले कुछ महीने चैकिंग पर ज्यादा जोर रहेगा ताकि जमीनी स्तर पर कोई भ्रांति पेश न आए। ओसी व बिल्डिंग प्लान अप्रूवल के लिए लंबी प्रक्रिया से निजात मिलेगी और विभाग का हस्तक्षेप भी कम होगा।

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