Edited By Punjab Kesari, Updated: 07 Jul, 2017 09:07 AM
यूं तो सरकार बेटी पढाओ-बेटी पढाओ अभियान चलाए हुए है।
भिवानी (अशोक भारद्वाज):यूं तो सरकार बेटी पढाओ-बेटी पढाओ अभियान चलाए हुए है। बेटियों को पढ़ाने व बचाने के लिए कई योजनाएं भी चलाएं हुए हैं। लेकिन इसके बावजूद कुछ कलयुगी मां अपने कलेजे के टुकड़े को भगवान भरोसे छोड़कर न केवल बेटियों के प्रति पनपी कलुषित मानसिकता को छोड़ने को तैयार बल्कि सरकार के दावों का भी धता बता रही हैं। ऐसा ही एक मामला बाल आश्रम में आया है। जहां कोई कलयुगी मां अपनी एक या दो दिन की बच्ची को आश्रम के मुख्य गेट के पास रखे पालने में छोड़कर गायब हो गई।
बच्ची की किलकारी की आवाज सुनकर आश्रम के चौकीदार ने इसकी सूचना आश्रम प्रबंधन के अधिकारियों को दी। आश्रम के सुप्रींटेंडेंट ने इसकी सूचना बी.टी.एम. पुलिस चौकी में दी। पुलिस की मौजूदगी में ही नवजात बच्ची को जिला नागरिक अस्पताल के नीकू वार्ड ले जाया गया, जहां उसकी हालत स्थित बताई जा रही है।
डी.एस.पी. चन्द्रपाल ने बताया कि नवजात बच्ची को लावारिस हालत में छोड़ने के मामले में तहकीकात जारी है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ने पालना गृह योजना शुरू की हुई है। अगर बच्चा किसी अन्य जगह फैंका जाता तो फिर अज्ञात महिला के खिलाफ केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई बनती है। मगर अब चाइल्ड प्रोटेक्शन अधिकारी रितू गिल के बयान के आधार पर पुलिस विशेष एक्ट के तहत ही इस मामले को हैंडल करेंगी।
अब सवाल उठता है कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बाद भी और बिना समाज के डर से एक मां आखिर किस प्रकार अपने पेट में 9 माह तक पलने वाली बच्ची को बाल आश्रम में छोड़कर गायब हो गई। ये घटना न केवल समाज को शर्मसार करने वाली है, बल्कि मां-बेटी के रिश्ते को तार-तार करने वाली है।