Edited By Punjab Kesari, Updated: 03 Mar, 2018 04:32 PM
पलवल जिला अस्पताल के डॉक्टरों की एक और घोर लापरवाही सामने आई है। एक नॉर्मल डिलीवरी के दौरान ब्लीडिंग को रोकने के लिए योनी के अंदर लगाई गई रूई की गांठ को अंदर ही छोड़ दिया गया। तीन दिन तक वेदना सहने वाली प्रसूता को तेज खांशी उठने पर शरीर से .....
पलवल(गुरूदत्ता गर्ग): पलवल जिला अस्पताल के डॉक्टरों की एक और घोर लापरवाही सामने आई है। एक नॉर्मल डिलीवरी के दौरान ब्लीडिंग को रोकने के लिए योनी के अंदर लगाई गई रूई की गांठ को अंदर ही छोड़ दिया गया। तीन दिन तक वेदना सहने वाली प्रसूता को तेज खांसी उठने पर शरीर से बाहर निकली रुई की गांठ के बारे पता चला। प्रसूता ने अपने पति की मदद से रुई की गांठ को निकाला। जो मवाद और दुर्गन्ध से भरी हुई थी।
पलवल के गांव बडौली निवासी आर्मी पर्सन राजेश पुत्र खेमचंद ने बताया कि उसकी पत्नी क्षमा शर्मा को डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल में 27 फरवरी की सुबह लाया गया था। दोपहर 12.50 पर नॉर्मल डिलीवरी हुई थी। पत्नी ने बेटी को जन्म दिया था। अगले दिन 28 फरवरी को दोपहर के समय पत्नी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था।
वहीं, बीते दिन की शाम महिला को शौचालय के दौरान योनी में तेज दर्द हुआ और खांसी उठी। जिसके बाद उसे योनी में कॉटन के होने का पता चला। उसने अपने पति की मदद से उसे बाहर निकाला। कॉटन के बाहर आते ही उसमें बने पस और दुर्गन्ध पूरे घर के अंदर फैल गई। जिसके बाद उसे अस्पताल लाया गया। जहां स्टाफ नर्स ने बताया कि ये गलती डिलीवरी के दौरान की गई है। महिला के पति का कहना है कि मै नहीं चाहता ये गलती किसी और के साथ दोहराई जाए। इसलिए गलती करने वाले को सजा मिलनी चाहिए।
उन्होंने एक शिकायत पत्र स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को देने के लिए लिख लिया है। वहीं मीडिया ने जिला अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों तथा अधिकारियों से सम्पर्क करने तथा प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया। लेकिन कोई भी कैमरे पर बोलने के लिए तैयार नही हुआ।