ट्रेनिंग के आखिरी दिन भी नहीं भूले अपना फर्ज, कराया मोस्ट वांटेड गैंगस्टर आनंदपाल का एनकाउंटर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 26 Jun, 2017 04:11 PM

narendra bijaria anandpal encounter

मोस्ट वांटेड गैंगस्टर आनंदपाल सिंह को शनिवार रात करीब 11:25 बजे एसओजी ने चूरू के मालासर में एनकाउंटर के दौरान उसे मार गिराया। उसके मारे जाने के

सिरसा:मोस्ट वांटेड गैंगस्टर आनंदपाल सिंह को शनिवार रात करीब 11:25 बजे एसओजी ने चूरू के मालासर में एनकाउंटर के दौरान उसे मार गिराया। उसके मारे जाने के बीच एक ट्रेनी आईपीएस का अहम रोल था। नरेंद्र बिजराणिया नामक ऑफिसर की ट्रेनिंग का शनिवार को सिरसा में आखिरी दिन था। रिलीव भी हो चुके थे, लेकिन जैसे ही बदमाशों के बारे में खबर मिली तो वह तुरंत एक और मिशन पर चल पड़े। 

किसान परिवार से हैं IPS
सिरसा जिले के थाना डिंग में एसएचओ की भूमिका निभाने वाले पुलिस अधिकारी नरेंद्र बिजराणिया मूल रूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले हैं। इनके माता-पिता खेती करते हैं, वहीं इन्होंने खुद मालवीय राष्‍ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जयपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने पुलिस सर्विसेज को चुना। 2011 से 2014 तक वह सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम डिपार्टमेंट में रहे तो हाल में वह 2015 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। ट्रेनी आईपीएस के रूप में नरेंद्र को फरवरी 2017 में सिरसा जिले में भेजा गया था। अप्रैल में एसएसपी सतेंद्र कुमार गुप्ता ने नरेंद्र को थाना डिंग के एसएचओ के रूप में जिम्मेदारी दे दी।

13 मई को मिली सबसे बड़ी उपलब्धि
नरेंद्र को सबसे बड़ी उपलब्धि हाल ही में 13 मई को सुचान गांव के एक घर से 1 क्विंटल 40 किलो गांजे के साथ लखविंद्र सिंह नामक एक व्यक्ति को अरेस्ट करने के बाद इस खेल के मुख्य आरोपी एक नाइजीरियन को अरेस्ट करना रही। इसके अलावा एसएसपी हर खास ऑपरेशन में नरेंद्र को जरूर रखते थे। शनिवार को नरेंद्र को थाना डिंग से रिलीव कर दिया गया, लेकिन उसके तुरंत बाद उन्हें पास के गांव शेरपुरा में सुरेंद्र नामक व्यक्ति के घर कुख्यात बदमाश आनंद पाल सिंह के भाइयों के आने की सूचना मिली। इस पर वह तुरंत सक्रिय हो गए।

पुलिस अधिकारी नरेंद्र बिजराणिया ने बताया इस सूचना के बाद उन्होंने तुरंत सिरसा के एसएसपी सतेंद्र कुमार गुप्ता को इससे अवगत कराया और उन्होंने राजस्थान पुलिस को सूचित करते हुए नरेंद्र के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। इस टीम ने घेराबंदी करके आनंदपाल सिंह के भाई विक्की और चचेरे भाई देवेंद्र को भारी मात्रा में हथियारों के साथ अरेस्ट कर लिया। इसके बाद पुलिस पूछताछ में दोनों भाइयों ने राजस्थान के चुरू जिले के मालासर में छिपे होने संबंधी खुलासा किया तो यहां से नरेंद्र बिजराणिया के नेतृत्व वाली 10 सदस्यीय टीम ने वहां राजस्थान के स्पेशल ऑपरेशनल ग्रुप के साथ मिलकर आनंद पाल सिंह को घेर लिया। नरेंद्र सिंह बताते हैं कि आनंद पाल सिंह की तरफ से पुलिस पर 50 राउंड फायर किए गए, जिसकी जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे मार गिराया। आनंद पाल सिंह को 6 गोलियां लगी हैं।

जुलाई में करेंगे वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी ज्वायन
नरेंद्र ने बताया कि उनकी ट्रेनिंग लगभग पूरी हो चुकी है। अब जुलाई में हैदराबाद स्थित वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी ज्वायन करेंगे। वहां एक महीने की खास ट्रेनिंग के दौरान दो साल की ट्रेनिंग का मूल्यांकन होगा, वहीं कुछ खास किस्म की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद एक सप्ताह के लिए फॉरेन एक्सपोजर के लिए भेजा जाएगा और फिर ट्रेनिंग पूरी हो जाने पर आगे की जिम्मेदारी मिलेगी।
 
 
 

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