GST की मार, ट्रांसपोर्टर प्रतिदिन झेल रहे 80 लाख का नुक्सान

Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Jul, 2017 03:30 PM

loss of 80 lakhs of transporters per day

जी.एस.टी. अर्थात गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू होने के बाद कंपनियों के आर्डर न मिलने से ट्रांसपोर्टर का कारोबार ठप्प हो चला है, जिससे...

करनाल (रमेश सरोए):जी.एस.टी. अर्थात गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू होने के बाद कंपनियों के आर्डर न मिलने से ट्रांसपोर्टर का कारोबार ठप्प हो चला है, जिससे जिला में करीब 2000 गाड़ियों के पहिए थम गए जिससे प्रतिदिन कंपनियों द्वारा माल न निकालने व माल न मिलने से प्रतिदिन ट्रांसपोर्टर्स को करीब 80 लाख रुपए से अधिक का नुक्सान हो रहा है। यहीं नहीं जो गाड़ियां दूसरे राज्यों में माल लेकर गई थी, वे वहीं फंसकर रह गई हैं। क्योंकि कंपनियों मालिकों द्वारा माल को एक दूसरे राज्यों में भेजना शुरू नहीं किया है, जिससे ट्रांसपोर्ट के कारोबार पर संकट लगातार गहराता जा रहा है।

ट्रांसपोर्ट संचालक ने कहा कि पहले नोटबंदी अब जी.एस.टी. ने तो उनके कारोबार को ठप्प कर दिया है, स्थिति बहुत बुरी हो गई है। अधिकतर गाड़ियां लोन पर ली हुई हैं, बिना कारोबार के लोन की किश्त भी नहीं निकल रही। करनाल में ट्रांसपोर्टर्स का कारोबार मुख्य रूप से राइस, एग्रीकल्चर व यमुनानगर में प्लाईवुड से जुड़ा है। ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन जिला प्रधान राजेश कुमार ने बताया कि जी.एस.टी. ने उनके कारोबार को ठप्प कर दिया है। करीब 2000 गाड़ियों को काम न मिलने के कारण यहां-वहां पर खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि गाड़ियों की किश्ते तक नहीं निकल रही। करीब 80 लाख रुपए प्रतिदिन का नुक्सान हो रहा है, क्योंकि एक गाड़ी से करीब 4 हजार रुपए बच जाते थे। उन्होंने कहा कि 25 जून से उनका काम ठप्प हो गया था। व्यापारी माल नहीं निकाल रहे, कहते हैं जी.एस.टी. समझ से बाहर है।   

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