Edited By Updated: 16 Jan, 2017 11:17 PM
हैपेटाइटिस-सी अर्थात काला पीलिया का इलाज करवाने के लिए मरीजों को रोहतक पी.जी.आई. के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे। चूंकि अब हैपेटाइटिस-सी से पीड़ित मरीजों को जल्द ही करनाल में इलाज मिलना शुरू हो जाएगा। इसके लिए...
करनाल (सरोए): हैपेटाइटिस-सी अर्थात काला पीलिया का इलाज करवाने के लिए मरीजों को रोहतक पी.जी.आई. के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे। चूंकि अब हैपेटाइटिस-सी से पीड़ित मरीजों को जल्द ही करनाल में इलाज मिलना शुरू हो जाएगा। इसके लिए सी.एम.ओ. द्वारा कल्पना चावला राजकीय मैडीकल कालेज के डायरैक्टर डॉ. सुरेंद्र कश्यप से मीटिंग की जाएगी ताकि यहां पर मरीजों को जल्द ही हैपेटाइटिस-सी का इलाज दिया जा सके।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि क्योंकि करनाल में सामान्य जिला अस्पताल नहीं है। इसलिए मैडीकल कालेज के डायरैक्टर से बातचीत की जाएगी। संभव है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह या फिर फरवरी में काला पीलिया हैपेटाइटिस-सी का इलाज मिलना शुरू हो जाए। काबिलेगौर है कि इस योजना की घोषणा स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक साल पहले ही कर दी थी लेकिन अब जाकर योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए गंभीरता से प्रक्रिया शुरू हुई है। अब तक घोषणा सिर्फ घोषणा बनकर ही रह गई थी।
यह कहा सी.एम.ओ. संतलाल वर्मा ने
सी.एम.ओ. संतलाल वर्मा ने कहा कि काला पीलिया हैपेटाइटिस-सी का इलाज करनाल में हो इसके लिए इस बारे में उनके पास कोई भी स्पष्ट आदेश नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि करनाल में जिला सामान्य अस्पताल नहीं है इसलिए काला पीलिया हैपेटाइटिस-सी के इलाज के लिए कल्पना चावला राजकीय मैडीकल कालेज के डायरैक्टर से मीटिंग करेंगे। उसके बाद ही बताया जाएगा कि करनाल में कब से काला पीलिया का इलाज शुरू होगा। लेकिन इतना तय है कि जल्द ही मरीजों को काला पीलिया का इलाज मिलना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस समय प्रतिमाह करीब 20 से अधिक मरीज हैपेटाइटिस-सी के आ रहे हैं। उन्हें इलाज के लिए रोहतक रैफर किया जा रहा है।
यह कहा स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. प्रवीन गर्ग ने
स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. प्रवीन गर्ग ने बताया कि काला पीलिया का इलाज सभी सरकारी अस्पतालों में मिलेगा। करनाल में भी काला पीलिया का इलाज मिलेगा। रही अस्पताल की बात तो इस बारे में सी.एम.ओ. से बातचीत की जाएगी। कहा कि कार्पोरेशन के पास दवाई आ चुकी है, दवाई के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हुए हैं। जांच रिपोर्ट आते ही जिला स्तर पर दवाइयां भेज दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि जब तक वेयरहाऊस से जिला अस्पतालों तक दवाइयां नहीं पहुंचती तब तक सरकारी रेट पर लोकल खरीद के लिए सिविल सर्जन को पत्र लिखा गया है।