JBT टीचर्स मामले में HC का सरकार को नोटिस, यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश

Edited By Punjab Kesari, Updated: 09 Jun, 2017 11:07 AM

jbt appointment case

हाईकोर्ट के आदेशों के उपरांत हरियाणा में ज्वाइन करवाए जा रहे जे.बी.टी. टीचर्स में से वर्ष 2011 के एचटैट (हरियाणा टीचर एलिजिबिलिटी टैस्ट) उम्मीदवारों को दिए गए टर्मिनेशन

चंडीगढ़(बृजेन्द्र):हाईकोर्ट के आदेशों के उपरांत हरियाणा में ज्वाइन करवाए जा रहे जे.बी.टी. टीचर्स में से वर्ष 2011 के एचटैट (हरियाणा टीचर एलिजिबिलिटी टैस्ट) उम्मीदवारों को दिए गए टर्मिनेशन नोटिस के कारण एक जे.बी.टी. टीचर ने इस नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने सरकार को मामले में नोटिस जारी करते हुए याची को जारी टर्मिनेशन नोटिस पर यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए हैं। संबंधित टर्मिनेशन नोटिस में कहा गया है कि क्योंकि वर्ष 2013 के एचटैट पास उम्मीदवार कॉमन मैरिट लिस्ट में उनसे ऊपर आ गए थे, इसलिए 2011 के कई उम्मीदवार सूची से बाहर हो रहे हैं। इसी के चलते याची वरिंद्र कुमार को भी नोटिस जारी करते हुए कहा गया है कि क्यों न उसे टर्मिनेट कर दिया जाए। 

वरिंद्र कुमार के वकील हरसिमरन सिंह सेठी ने दलील पेश करते हुए कहा कि सरकार ने वर्ष 2012 में 9870 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। याची ने वर्ष 2011 में एचटैट टैस्ट पास किया हुआ था और इसी आधार पर उसने आवेदन किया था। योग्यता की शर्तों को पूरा करने के बाद ही वह चयनित कैंडीडेट्स की सूची में आया था। कहा गया कि 2012 में एचटैट परीक्षा नहीं हुई थी और इस वर्ष भर्ती निकाली गई थी। इस वर्ष टैस्ट न होने के कारण टैस्ट में बैठने से रह गए उम्मीदवारों ने वर्ष 2013 में एचटैट पास किया था और वर्ष 2012 में निकाली गई भर्ती में आवेदन करने की मंजूरी के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी। 

उनकी याचिका पर जवाब देते हुए सरकार ने कहा था कि 2013 वाले उम्मीदवारों को एडजस्ट कर सकती है, क्योंकि सरकार के पास काफी रिक्तियां हैं। इसी दलील को आधार बनाते हुए वरिंद्र कुमार के वकील ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि वर्ष 2013 वाले उम्मीदवारों को अतिरिक्त पड़ी रिक्तियों के लिए अस्थाई रुप से एडजस्ट करने की मंजूरी मिली थी मगर उन्हें अभी तक यह हक नहीं मिला था कि उन्हें मैरिट में लिया जाएगा। दलील पेश की गई कि जे.बी.टी. के लिए बनी कॉमन मैरिट का मतलब यह नहीं है कि अस्थायी रूप से शामिल किए गए उम्मीदवारों को एडजस्ट करने के साथ शर्तें पूरी करने वाले 2011 के योग्य उम्मीदवारों को बाहर कर दिया जाए। हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने सरकार को मामले में 26 जुलाई के लिए नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। 

 
 

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