जाटों की चेतावनी, आरक्षण देने के लिए सरकार को 56 दिन का अल्टीमेटम

Edited By Punjab Kesari, Updated: 18 Dec, 2017 02:47 PM

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जाटों ने सरकार को जींद से आरक्षण आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। इसके लिए 56 दिन तक का अल्टीमेटम दिया गया है। इस समयावधि में जाट सहित 6 जातियों को आरक्षण, दर्ज मामलों को वापस लेने और यशपाल मलिक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो 11 फरवरी को आंदोलन...

कलायत(कुलदीप): जाटों ने सरकार को जींद से आरक्षण आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। इसके लिए 56 दिन तक का अल्टीमेटम दिया गया है। इस समयावधि में जाट सहित 6 जातियों को आरक्षण, दर्ज मामलों को वापस लेने और यशपाल मलिक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो 11 फरवरी को आंदोलन का बिगुल बजाया जाएगा। यह निर्णय जाट एवं 5 जाति की आयोजित नव जागृति रैली में लिया गया। कलायत अनाज मंडी में आयोजित इस रैली में मुख्य वक्ता के तौर पर सर्वखाप राष्ट्रीय प्रवक्ता सूबे सिंह समैण पहुंचे। रैली की अध्यक्षता साधुराम कौलेखां ने की। 

समैण ने कहा कि जट सिख, रोड्, त्यागी, बिश्रोई और मूला जाटों को उनके अधिकार दिलाने के लिए ठोस रणनीति तय की गई है। आरक्षण आन्दोलन के नाम पर यशपाल मलिक ने कई दिनों तक समाज को सड़कों पर बिठाए रखा, इसके पीछे इसकी मंशा निजी स्वार्थों की पूर्ति करना रहा। पैसा बटोरने के लिए इसने अपना बैंक खाता जारी किया। दयनीय स्थिति में प्रदर्शन कर रहे लोगों के हालातों को देखते हुए यूक्रेन, आस्ट्रेलिया, कनाडा, इंगलैंड, अमरीका और दूसरे देशों में रह रहे समाज के लोगों ने मदद के लिए मोटी रकम इस खातों में जमा करवाई। दुख का विषय है कि कौम की पैरवी करने की बजाए मलिक ने आन्दोलनकारियों से दगा की। लंबे चले आन्दोलन को बगैर सरकार से कोई मांग मनवाएं अपने स्वार्थ के लिए बंद कर दिया गया। मलिक के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी जाटों सहित अन्य जातियों को गुमराह कर रहे हैं। 

कलायत अनाज मंडी में आयोजित नव जागृति रैली में केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और यशपाल मलिक खाप नेताओं के निशाने पर रहे। सर्वजाट खाप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सूबे सिंह समैण ने खुले मंच से कहा कि यदि वाजिब समय आया तो मेहनतकश कौम के साथ दगा करने वाले को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से पंजो से पकड़कर हरियाणा लाया जाएगा। सूबे सिंह समैण ने कहा कि सरकार और यशपाल मलिक की साठ-गांठ जगजाहिर हो चुकी है। ये बताए कि 50 दिन आन्दोलन क्यों चलाया? दिल्ली कूच से मलिक को किसने रोका? सरकार से हुई वार्ता में जाटों की मांगे स्पष्ट क्यों नहीं की गई और कई ऐसे सवाल है जो चीख-चीखकर कौम के खिलाफ रची गई साजिश को बेनकाब कर रहे है?

भारी संख्या में पहुंची महिलाएं
जाट समाज द्वारा आयोजित नव जागृति रैली में जहां पुरुषों द्वारा भारी संख्या में शिरकत की गई वहीं महिलाओं ने भी अपनी सक्रिय भागेदारी दर्ज करवाई। महिलाओं ने हाथ उठा समाज द्वारा चलाए जाने वाले हर आन्दोलन में जहां कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने का ऐलान किया वहीं सभा में मौजूद महिला ऊषा मोर ने मंच से संबोधन भी किया। ऊषा मोर ने कहा कि समाज के लोगों द्वारा चलाए जा रहे आरक्षण आन्दोलन में कुछ ऐसे शरारती लो बीच में आ गए जिसके चलते आन्दोलन पूरी तरह सफल नहीं हो पाया। 

मांगों पर हुई चर्चा
नवजागृति रैली में विशाल जनसमूह के समक्ष जाट समाज के नेता धर्मपाल छौत ने जहां अपनी मांगों के बारे पूर्ण रूप से ब्यौरा दिया, वहीं बताया कि कुछ प्रकार कुछ लोगों द्वारा समाज का गुमराह करके आन्दोलन को सफल बनाने व जेलों में बंद युवाओं को रिहा करने के लिए जमा राशि को बाहर से आया एक व्यक्ति हड़प गया। इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे साधू राम कौलेखां ने रैली में पहुंची भारी भीड़ का आभार व्यक्त करते कहा कि इसी प्रकार संगठित रहना किसी के बहकावे में न आना सफलता आपके कदमों में होगी। 

‘अगर दोषवार हूं तो मुझे फांसी पर लटका दो’ 
सूबे सिंह समैण ने कहा कि वे हमेशा न्याय के पक्ष में रहे है। यदि यशपाल मलिक के बैंक खातों में चंदा राशि मिलती है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई और यदि ऐसा नहीं है तो समैण हर सजा पाने को तैयार है। यहां तक कि यदि समाज उसे फांसी पर लटकाना चाहे तो वह उफ तक नहीं करेंगे। विरोधियों द्वारा बार-बार लगाए गए गंभीर आरोपों पर सूबे सिंह सफाई देते हुए भावुक हो गए। साफतौर से कहा कि न कभी दगा की और न करूंगा।

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