Edited By Updated: 21 Feb, 2017 10:07 AM
हरियाणा में आरक्षण सहित कई मुद्दों को लेकर धरना दे रहे जाटों को मनाने के लिए भले ही सरकार की ओर से सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हो, लेकिन
चंडीगढ़ (अविनाश पांडेय):हरियाणा में आरक्षण सहित कई मुद्दों को लेकर धरना दे रहे जाटों को मनाने के लिए भले ही सरकार की ओर से सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हो, लेकिन आंदोलन की तपिश अब विधानसभा बजट सत्र तक चलेगी। विधानसभा में इस मुद्दे पर एक बार फिर से सत्तापक्ष और विपक्ष में हो-हल्ला होना तय है। हालांकि दूसरे दौर की वार्ता में आज ढेसी कमेटी ने जाटों की कई अहम मांगों को मान लिया, लेकिन अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारी अभी धरना खत्म करने के मूड में नहीं है।
जाट नेताओं की मानें तो जब तक सरकार की ओर मांगी गई मांगें जमीनी स्तर पर नजर नहीं आएंगी तब तक उनका धरना जारी रहेगा। वहीं अगले दौर की वार्ता से पहले एक बार फिर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने मंत्रियों से सलाह-मशविरा कर प्रारूप तैयार करेंगे। माना जा रहा है कि तीसरे दौर की वार्ता में काफी हद तक मामले का समाधान हो जाएगा। सोमवार को पानीपत में ढेसी कमेटी और जाट नेताओं के बीच हुई दूसरे दौर की वार्ता में सरकार बेहद दबाव में नजर आई। जाटों की कई मांगों को ढेसी कमेटी ने सैद्धांतिक तौर से स्वीकार कर लिया, लेकिन मुकद्दमे वापस लेने संबंधी मामले में अभी जाट नेताओं को कई तरह का पेंच नजर आ रहा है।