Edited By Updated: 08 May, 2017 07:58 AM
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की एक बैठक राज्य प्रधान जगदीश सिंह झींडा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में कुल 38 सदस्यों में से 32 सदस्यों ने भाग लिया।
गुहला चीका (गोयल):हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की एक बैठक राज्य प्रधान जगदीश सिंह झींडा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में कुल 38 सदस्यों में से 32 सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में पिछले कुछ दिनों पहले दीदार सिंह नलवी गुट के कुछ सदस्यों की ओर से कैथल के नीम साहिब गुरुद्वारा में नलवी को कार्यकारी प्रधान बनाने व प्रबंधक कमेटी का सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की स्थिति को बताने बारे चर्चा होनी थी, परंतु नलवी गुट ने ऐलान कर दिया था कि एजैंडे में लिखे सभी मुद्दों को छोड़कर सबसे पहले नई कार्यकारिणी का चुनाव करवाया जाएगा जिसके चलते बैठक में हंगामा होने के आसार बढ़ गए थे। बैठक शुरू होते ही कुछ सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया व चुनाव करवाने की मांग की। परंतु झींडा गुट के सदस्यों ने कहा कि आज चुनाव करवाना एजैंडे में शामिल नहीं है, जिसके चलते इस मुद्दे पर बात ही नहीं हो सकती।
नलवी ने झींडा पर आरोप लगाया कि वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के साथ मिलीभगत करके अकाल तख्त पर चले गए जिससे यह साबित होता है कि वे सदस्यों की अनदेखी कर रहे हैं। झींडा ने उक्त आरोप को सिरे से नकार दिया और कहा कि वे सिख मर्यादा को निभाते हुए ही अकाल तख्त पर पेश हुए थे। थोड़ी देर की गर्मागर्मी के बाद संत बलजीत सिंह दादूवाल व कुछ अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने बीचबचाव किया और दोनों गुट आपसी विवाद छोड़कर सांझे मुद्दों पर एकमत हो गए। इस बीच कमेटी ने दादूवाल को सारे अधिकार देते हुए घोषणा की कि जो दादूवाल फैसला लेंगे वह सबको मंजूर होगा।
कमेटी के सदस्यों का रहूंगा आभारी:झींडा
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए जगदीश सिंह झींडा ने कहा कि वे कमेटी के सभी सदस्यों के आभारी हैं जिन्होंने दोबारा उन पर विश्वास किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा कमेटी एक घर की तरह है जहां छोटी-मोटी तकरार होती ही रहती है परंतु बैठक में जिस प्रकार सभी सदस्यों ने रखे गए मुद्दों पर सहमति प्रकट की उसके लिए कमेटी के सभी सदस्य प्रशंसा के पात्र है।
मेरी सहमति कमेटी के साथ:नलवी
बगावत का झंडा उठाने वाले दीदार सिंह नलवी बैठक के बाद काफी नरम नजर आए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जो बात उन्होंने रखनी थी वह रख दी और उस पर उन्हें भविष्य में सकारात्मक रुख रखने का भरोसा भी मिला है जिसके चलते उन्हें अब कोई शिकायत नहीं है।