हरियाणा में लागू होगा 'हकोका', जानिए क्या होगा इसका असर? (VIDEO)

Edited By Punjab Kesari, Updated: 30 Jan, 2018 10:28 PM

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बलजीत सिंह संधु के अनुसार हरियाणा में हकोका लागू हो सकता है। डीजीपी संधू के अनुसार हरियाणा में हकोका लगाने के लिए सरकार से बातचीत चल रही है। डीजीपी ने कहा हकोका लगाने से क्राईम पर होगा कंट्रोल होगा और समाज मे बदलाव आएगा।...

अंबाला(अमन कपूर): हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बलजीत सिंह संधु के अनुसार हरियाणा में हकोका लागू हो सकता है। डीजीपी संधू के अनुसार हरियाणा में हकोका लगाने के लिए सरकार से बातचीत चल रही है। डीजीपी ने कहा हकोका लगाने से क्राईम पर होगा कंट्रोल होगा और समाज मे बदलाव आएगा।

क्या है हकोका?
फिलहाल हरियाणा में हकोका लागू करने के लिए सरकार से बातचीत जारी है। दरअसल 'हकोका' महाराष्ट्र के 'मकोका' से प्रेरित है। महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राईम एक्ट) बनाया था। 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू कर दिया। फिलहाल महाराष्ट्र और दिल्ली में यह कानून लागू है।

क्या होगा हकोका का असर?
इस एक्ट के अंतर्गत संगठित और अंडरवल्र्ड अपराध को खत्म करना होता है। इसके तहत संगठित अपराध जैसे अंडरवल्र्ड से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, धमकी, उगाही सहित ऐसा कोई भी गैरकानूनी काम जिससे बड़े पैमाने पर पैसे बनाए जाते हैं, मामले शामिल है। कानून विश्लेषकों का कहना है कि ‌मकोका लगने के बाद आरोपियों को आसानी से जमानत नहीं मिलती है।

अपराधियों पर कैसे लगता है मकोका
 किसी के खिलाफ मकोका लगाने से पहले पुलिस को एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस से मंजूरी लेनी होती है। इसमें किसी आरोपी के खिलाफ तभी मुकदमा दर्ज होगा, जब 10 साल के दौरान वह कम से कम दो संगठित अपराधों में शामिल रहा हो। संबंधित संगठित अपराध में कम से कम दो लोग शामिल होने चाहिए। इसके अलावा आरोपी के खिलाफ एफआईआर के बाद चार्जशीट दाखिल की गई हो। यदि पुलिस 180 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं करती, तो आरोपी को जमानत मिल सकती है।

सख्त है मकोका
मकोका के तहत पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 180 दिन का वक्त मिल जाता है, जबकि आईपीसी के प्रावधानों के तहत यह समय सीमा सिर्फ 60 से 90 दिन है। मकोका के तहत आरोपी की पुलिस रिमांड 30 दिन तक हो सकती है, जबकि आईपीसी के तहत यह अधिकतम 15 दिन होती है। इस कानून के तहत अधिकतम सजा फांसी है, वहीं न्यूनतम पांच साल जेल का प्रावधान है।

बता दें कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में दिल्ली पुलिस ने एस श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण समेत 26 अभियुक्तों पर मकोका लगा था।

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