प्रदेश भर में हड़ताल पर रहेंगे IMA डॉक्टर, 12 घंटों के लिए बंद रहेगी OPD सेवा (VIDEO)

Edited By Punjab Kesari, Updated: 02 Jan, 2018 12:48 PM

मंगलवार को मरीजों को एक बार फिर मेडीकल सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाएगी क्योंकि 2 जनवरी को डॉक्टरों ने आई.एम.ए. के आह्वान पर नैशनल मैडीकल काऊंसिल बिल के विरोध में आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। आंदोलन के दौरान सुबह 6 से शाम 6 बजे तक सभी ओ.पी.डी. सम्बधित...

करनाल/ जींद(विकास/विजेंदर): मंगलवार को मरीजों को एक बार फिर मेडीकल सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाएगी क्योंकि 2 जनवरी को डॉक्टरों ने आई.एम.ए. के आह्वान पर नैशनल मैडीकल काऊंसिल बिल के विरोध में आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। आंदोलन के दौरान सुबह 6 से शाम 6 बजे तक सभी ओ.पी.डी. सम्बधित स्वास्थ्य सेवाएं बंद रहेंगी। इस बार राहत की बात है कि करनाल में एमरजैंसी सेवाएं जारी रहेंगी लेकिन जींद में इस दौरान एमरजेंसी सेवाएं भी बंद रहेंगी। डॉक्टरों द्वारा मेडीकल सुविधाएं बंद कर दिए जाने से पूरे जिला में होने वाली करीब 8 से 10 हजार मरीजों की ओ.पी.डी का भार मेडीकल कालेज व सिविल अस्पताल के डॉक्टरों पर आ जाएगा।

शहरवासियों ने कहा कि अगर डॉक्टरों को विरोध ही जताना है तो वे 1 या 2 घंटे के लिए रोष जता सकते हैं। कल्पना चावला राजकीय मेडीकल कॉलेज के डायरैक्टर डा. सुरेंद्र कश्यप ने बताया कि प्राइवेट डॉक्टर हड़ताल पर जाएं तो इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मेडीकल कॉलेज तो खुला रहेगा, जो भी मरीज आएंगे, उनका इलाज किया जाएगा। मरीज को कोई परेशानी नहीं आएगी।
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वहीं दूसरी ओर सिविल सर्जन ने बताया कि अस्पताल का कोई भी डॉक्टर अवकाश पर नहीं है। अस्पताल में ओ.पी.डी. शुरू हो चुकी है। आई.एम.ए. के प्रधान डा. गगन कौशल ने बताया कि एसोसिएशन एक्ट की घोर निंदा करते हैं और भारत सरकार को आगाह करते हैं की ऐसे एक्ट लाने से देश की स्वास्थ्य सेवाएं आने वाले समय में चरमरा जाएंगी और देश में अच्छे डॉक्टर्स न होने से देश की छवि धूमिल होगी। उन्होंने कहा कि ओ.पी.डी. पूरी तरह से बंद रहेंगी लेकिन एमरजैंसी सेवाएं जारी रहेंगी। 
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उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार आज BAMS (बैचलर अॉफ आयुर्वैदिक मेडिसन एंड सर्जरी) डॉक्टरों को 6 महीने का कोर्स करने के बाद एलोपैथिक दवाइयां प्रयोग करने के बिल को राज्य सभा में पास करने जा रही है। इस बिल के विरोध में डॉक्टरों ने अोडीपी बंद कर जिला सचिवालय पहुंचकर प्रधानमंत्री के नाम डीसी को ज्ञापन सौंपा। डॉक्टर्स ने विरोध किया कि जो डॉक्टर 5 साल एसबीबीएस कोर्स करके एलोपैथिक दवाइयां प्रयोग करते हैं वहीं BAMS डॉक्टर्स 6 महीने का कोर्स करके इन दवाइयों का प्रयोग कैसे कर सकते हैं।
 

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